भारत और ईयू के बीच इस साल के अंत तक होगी FTA डील, ब्रुसेल्स ने नए रणनीतिक एजेंडे का किया ऐलान
यूरोपीय संघ ने भारत के साथ नया रणनीतिक एजेंडा घोषित कर रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, तकनीक, सुरक्षा और कनेक्टिविटी में सहयोग बढ़ाने की घोषणा की है, जिसका लक्ष्य मुक्त व्यापार समझौते को वर्ष के अंत तक अंतिम रूप देना और वैश्विक चुनौतियों से संयुक्त रूप से निपटना है.

यूरोपीय संघ (ईयू) ने बुधवार को भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की घोषणा की. इस पहल के तहत रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और तकनीक जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जाएगा. ईयू ने कहा कि बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों में भारत के साथ मजबूत साझेदारी उसकी प्राथमिकता है, जो आर्थिक विकास और वैश्विक सुरक्षा दोनों को मजबूती देगी.
सहयोग का नया अध्याय
इस पहल को ‘नया रणनीतिक यूरोपीय संघ-भारत एजेंडा’ नाम दिया गया है. ईयू का कहना है कि इस एजेंडा का उद्देश्य भारत और यूरोपीय संघ के बीच सहयोग को गहरा, व्यापक और बेहतर समन्वित बनाना है. यह साझा समृद्धि को प्रोत्साहित करने, सुरक्षा को सुदृढ़ करने और जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संकट, आपूर्ति शृंखला व्यवधान तथा वैश्विक अस्थिरता जैसी तात्कालिक चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों को रेखांकित करता है.
उर्सुला वॉन डेर लेयेन का बयान
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यह नई रणनीति भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को एक नई दिशा और ऊंचाई प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम विश्वसनीय साझेदारों पर भरोसा करें और साझा मूल्यों पर आधारित सहयोग को दोगुना करें. हमारी नई रणनीति भारत-ईयू रिश्तों को अगले स्तर पर ले जाएगी. उनका मानना है कि भारत के साथ गहरे रिश्ते न केवल यूरोप के लिए रणनीतिक रूप से अहम हैं, बल्कि यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को भी मजबूत करेंगे.
मुक्त व्यापार समझौते को लेकर प्रतिबद्धता
वॉन डेर लेयेन ने यह भी स्पष्ट किया कि यूरोपीय संघ इस वर्ष के अंत तक भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि यूरोप पहले से ही भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. हम भारत के साथ अपने साझा भविष्य में निवेश करने को तैयार हैं और मुक्त व्यापार समझौते को जल्द पूरा करेंगे. यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार और निवेश प्रवाह को नई गति देगा, जिससे भारतीय उद्योगों को यूरोपीय बाजार में और अधिक अवसर मिल सकेंगे.
सदस्य देशों की मंजूरी और शिखर सम्मेलन
इस रणनीतिक एजेंडे को लागू करने से पहले ईयू के सभी 27 सदस्य देशों की मंजूरी आवश्यक होगी. अनुमोदन मिलने के बाद इसे अगले वर्ष की पहली तिमाही में प्रस्तावित भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में औपचारिक रूप से अपनाया जाएगा. इसके लागू होते ही दोनों पक्षों के बीच सहयोग का एक विस्तृत ढांचा तैयार हो जाएगा.
पांच प्रमुख क्षेत्र
1. सुरक्षा और रक्षा सहयोग
2. वैश्विक मामलों व कनेक्टिविटी
3. आर्थिक समृद्धि और व्यापार
4. स्थिरता व हरित ऊर्जा संक्रमण
5.टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन
ईयू और भारत का मानना है कि इन क्षेत्रों में साझेदारी गहरी होने से न केवल दोनों पक्षों को लाभ होगा बल्कि वैश्विक शांति, सुरक्षा और सतत विकास को भी नई दिशा मिलेगी.


