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उत्तराखंड के चमोली जिले में फटा बादल, 7 लोग लापता... सोशल मीडिया पर वायरल हुए तबाही के Video

उत्तराखंड के चमोली जिले में गुरुवार तड़के बादल फटने नंदानगर घाट क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही मच गई. कुंट्री लंगाफली वार्ड में कई मकान मलबे में दब गए, जिसमें सात लोग लापता बताए जा रहे हैं. SDRF और NDRF की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Uttarakhand cloudburst: उत्तराखंड के चमोली जिले में गुरुवार तड़के बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी. नंदानगर घाट क्षेत्र के कुंट्री लंगाफली वार्ड में कई मकान मलबे में दब गए, जिससे कम से कम सात लोग लापता हो गए. जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है.

जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, मलबे में दबे सात लोगों में से दो को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि बाकी पांच की तलाश जारी है. इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. स्थानीय प्रशासन ने लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है.

7 लोग लापता, मलबे में दब गए 6 मकान

चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने एएनआई को बताया, "बादल फटने से नंदानगर घाट क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. कुंट्री लंगाफली वार्ड में छह मकान मलबे में दब गए. सात लोग लापता हैं, जबकि दो को सुरक्षित निकाल लिया गया है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और तहसील की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है."

चमोली जिला आपदा प्रबंधन केंद्र ने बताया कि कुंट्री वार्ड में भूस्खलन और बादल फटने से आधा दर्जन से अधिक मकान मलबे में तबाह हो गए. कई दुकानें और सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है.

राहत कार्य में तेजी

प्रशासन ने कहा कि राहत दलों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए सड़कों को जेसीबी की मदद से खोला जा रहा है. डीएम तिवारी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि अगले 30 से 45 मिनट में राहत टीमें प्रभावित इलाकों तक पहुंच जाएंगी. राहत केंद्रों की पहचान कर ली गई है और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा."

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो

बादल फटने के बाद नदियों के उफान और तबाही के दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. इनमें इमारतों और सड़कों के नुकसान का साफ नजारा देखा जा सकता है.

पहले भी आपदा झेल चुका है नंदानगर 

गौरतलब है कि अगस्त महीने में नंदानगर के कुछ हिस्सों में भूमि धंसाव से कई घरों में दरारें आ गई थीं. उस समय भी प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा था. इस बार बादल फटने से स्थिति और गंभीर हो गई है.

इस साल की मानसूनी तबाही से चमोली जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है. पहले भी कई बार बादल फटने और फ्लैश फ्लड्स की घटनाएं यहाँ दर्ज हो चुकी हैं. केंद्र सरकार की अंतर-मंत्रालयी टीम जल्द ही उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल जिलों का दौरा कर आपदा से हुए नुकसान का आकलन करेगी.

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18 September 2025, 08:03 AM IST

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