चीन से सस्ते स्टील पर भारत की सख्ती, तीन साल तक लगेगा आयात शुल्क
चीन से सस्ते स्टील आयात पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. घरेलू उद्योग को राहत देने के उद्देश्य से चुनिंदा स्टील उत्पादों पर तीन साल के लिए आयात शुल्क लागू किया गया है.

नई दिल्ली: भारत सरकार ने घरेलू स्टील उद्योग को राहत देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. चीन से कम कीमत पर हो रहे स्टील आयात पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने चुनिंदा स्टील उत्पादों पर तीन साल के लिए आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है. यह फैसला बढ़ते सस्ते आयात और उससे घरेलू निर्माताओं को हो रहे नुकसान को देखते हुए लिया गया है.
सरकार के इस कदम से साफ है कि वह देश के स्टील उद्योग को डंपिंग और घटिया गुणवत्ता वाले आयात से बचाना चाहती है. यह शुल्क न सिर्फ घरेलू उत्पादन को मजबूती देगा, बल्कि बाजार में असंतुलन को भी नियंत्रित करने में मदद करेगा.
तीन साल तक लागू रहेगा आयात शुल्क
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, पहले वर्ष में चुनिंदा स्टील उत्पादों पर 12 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाएगा. दूसरे वर्ष यह घटकर 11.5 प्रतिशत हो जाएगा, जबकि तीसरे वर्ष में इसे 11 प्रतिशत तक कम कर दिया जाएगा. यह व्यवस्था तीन साल तक प्रभावी रहेगी.
चीन से सस्ते इस्पात पर बढ़ी चिंता
भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा स्टील उत्पादक देश है, हाल के वर्षों में चीन से सस्ते स्टील के बढ़ते आयात से जूझ रहा है. कम कीमत वाले इन उत्पादों के कारण घरेलू स्टील कंपनियों पर दबाव बढ़ा है और डंपिंग को लेकर चिंताएं गहराई हैं.
कुछ देशों को छूट, चीन पर लागू रहेगा शुल्क
सरकारी राजपत्र में प्रकाशित जानकारी के अनुसार, इस शुल्क से कुछ विकासशील देशों को छूट दी गई है. हालांकि, चीन, वियतनाम और नेपाल से होने वाले आयात पर यह शुल्क लागू होगा. वहीं, स्टेनलेस स्टील जैसे विशेष स्टील उत्पादों को इस दायरे से बाहर रखा गया है.
घरेलू उद्योग को नुकसान से बचाने पर जोर
मंत्रालय का कहना है कि वह सस्ते आयात और घटिया उत्पादों के कारण घरेलू स्टील उद्योग को नुकसान नहीं पहुंचने देना चाहता. व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने भी "आयात में हाल ही में हुई अचानक, तीव्र और महत्वपूर्ण वृद्धि… के कारण घरेलू उद्योग को गंभीर नुकसान होने और नुकसान की आशंका" को आधार बनाकर तीन साल के लिए शुल्क लगाने की सिफारिश की थी.
पहले भी लगाया गया था अस्थायी शुल्क
गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में भारत सरकार ने सभी विदेशी देशों से होने वाले स्टील आयात पर 200 दिनों के लिए 12 प्रतिशत का अस्थायी शुल्क लगाया था, जो नवंबर 2025 में समाप्त हो गया.
उद्योग संगठनों ने उठाई थी मांग
इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन पहले ही इस मुद्दे को उठा चुका था. अगस्त 2025 में संगठन ने DGTR के समक्ष याचिका दायर कर सरकार से सस्ते स्टील आयात पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने की मांग की थी.
वैश्विक व्यापार तनाव के बीच भारत का फैसला
भारत का यह कदम ऐसे समय पर आया है, जब चीनी स्टील निर्यात को लेकर वैश्विक स्तर पर व्यापारिक तनाव बना हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा स्टील पर आयात शुल्क लगाए जाने के बाद चीनी निर्यात अन्य बाजारों की ओर मुड़ा, जिससे कई देशों ने अपने व्यापारिक सुरक्षा उपाय सख्त कर दिए. दक्षिण कोरिया और वियतनाम भी इस साल की शुरुआत में चीनी स्टील उत्पादों पर डंपिंग-विरोधी शुल्क लगा चुके हैं.


