टैरिफ वॉर के बीच भारत का भगवा अनार पहुंचा अमेरिका, क्या दोनों देशों का इससे बढ़ेगा व्यापार?
भारत से समुद्री मार्ग द्वारा भेजी गई पहली अनार की खेप अब अमेरिका पहुंच चुकी है. भारतीय भगवा अनार अब अमेरिकी बाजारों में दस्तक दे चुके हैं. फरवरी 2024 में नई दिल्ली से 4,200 बक्सों यानी करीब 12.6 टन अनार की इस खेप को रवाना किया गया था.

भारत और अमेरिका के बीच हुए एक ताज़ा व्यापारिक समझौते ने भारतीय अनार के लिए नए बाजारों के दरवाजे खोल दिए हैं. इस समझौते के तहत भारत से समुद्री मार्ग के जरिए पहली बार 4,200 बक्सों (करीब 12.6 टन) में भरे हुए भगवा अनार अमेरिका भेजे गए, जो अब न्यूयॉर्क पहुंच चुके हैं. इस पहल को भारत की कृषि निर्यात संस्था एपीडा (APEDA) का सहयोग प्राप्त है, जिसने किसानों को गुणवत्ता सुधार और उचित पैकेजिंग के लिए प्रशिक्षण भी दिया.
अमेरिकी बाजार तक भारतीय अनार पहुंचाना आसान नहीं
इससे पहले, अमेरिकी बाजार तक भारतीय अनार पहुंचाना आसान नहीं था. सख्त आयात नियमों, क्वारंटीन प्रक्रियाओं और लंबी दूरी के कारण किसानों और निर्यातकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता था. लेकिन 2023 में भारत और अमेरिका के बीच हुए एक अहम समझौते ने इस दिशा में बड़ा बदलाव किया. इससे खासतौर पर महाराष्ट्र के किसानों को लाभ मिला है, क्योंकि यह राज्य देश में अनार उत्पादन में अग्रणी है.
फरवरी 2024 में नई दिल्ली से इस खेप को रवाना किया गया था. एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने बताया कि जैसे भारतीय आम अब अमेरिका में सालाना करीब 3,500 टन तक निर्यात हो रहे हैं, वैसे ही आने वाले वर्षों में अनार का भी निर्यात तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है.
2025 में अनार के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज
इस व्यापारिक समझौते का असर पहले ही दिखने लगा है. 2025 में अनार के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. यह 21% बढ़कर करीब 59.76 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. अमेरिका के अलावा भारत का अनार कई अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है, जिनमें यूएई, नेपाल, बांग्लादेश, सऊदी अरब, थाईलैंड, नीदरलैंड, श्रीलंका, ओमान और बहरीन जैसे नाम शामिल हैं.
यह नया समझौता न सिर्फ भारतीय किसानों के लिए नए अवसर लेकर आया है, बल्कि भारत-अमेरिका के बीच 2030 तक 500 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को भी साकार करने में मददगार साबित हो सकता है.


