RBI की तीन दिवसीय MPC मींटिग आज से शुरू, जानें आम आदमी की जेब पर क्या होगा असर?
आज यानी 3 दिसंबर 2025 से भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक शुरू हो रही है. सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस बार रिजर्व बैंक महंगाई और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाते हुए रेपो रेट में कोई कटौती करेगा, या फिर इसे 6.50% पर ही जैसा है वैसा ही रखेगा?

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय आज मीटींग है. बुधवार 3 दिसंबर से शुरू हो गई है. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में होने वाली यह बैठक 5 दिसंबर तक चलेगी, जिसके बाद रेपो रेट पर अंतिम निर्णय की घोषणा की जाएगी. आर्थिक मोर्चे पर मौजूद हालात और हालिया डेटा को देखते हुए इस बार ब्याज दरों में परिवर्तन होगा या नहीं इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई रिसर्च ने संकेत दिया है कि मौजूदा आर्थिक परिस्थिति रेपो रेट कटौती की संभावना को कमजोर कर रही है. हालांकि कुछ विशेषज्ञ अब भी उम्मीद कर रहे हैं कि लगातार घटती मुद्रास्फीति के चलते आरबीआई एक मामूली कटौती का विकल्प चुन सकता है.
एसबीआई रिसर्च रेपो रेट में बदलाव की संभावना
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ समय पहले तक 25 आधार अंकों की मामूली रेपो रेट कटौती की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अब मौजूदा स्थितियां इसके अनुकूल नहीं दिखतीं.
रिपोर्ट में प्रमुख कारण बताए गए:-
-
जुलाई–सितंबर तिमाही में GDP ग्रोथ बेहद मजबूत रही है.
-
देश की आर्थिक स्थिति स्थिर और सकारात्मक दिशा में है.
-
कई वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं भी इस समय अपने रेपो रेट को स्थिर अवस्था में रख रही हैं.
-
इस आधार पर रिपोर्ट का अनुमान है कि RBI फिलहाल किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकता.
मुद्रास्फीति में गिरावट का फायदा
दूसरी ओर क्रेडिट रेटिंग एजेंस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अक्टूबर में देश की मुद्रास्फीति 10 साल के निचले स्तर 0.3% पर पहुंच गई है, जो आरबीआई के 4% के लक्ष्य से काफी कम है.
रिपोर्ट के अनुसार कम होती महंगाई, मजबूत GDP ग्रोथ, दोनों को देखते हुए RBI 0.25% रेपो रेट कट की घोषणा कर सकता है. यह अनुमान उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण है जो लोन और EMI पर राहत की इंतजार कर रहे हैं.
5 दिसंबर को आएगा अंतिम फैसला
आरबीआई की ओर से 5 दिसंबर को मौद्रिक नीति समीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा. अब सबकी निगाहें इसी बात पर हैं कि क्या RBI बढ़ती विकास दर और गिरती मुद्रास्फीति को देखते हुए राहत देगा या सतर्क रुख कायम रखते हुए मौजूदा दरों को यथावत रखेगा.


