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मुंबई के स्कूल में 4 साल की मासूम के साथ घिनौनी हरकत, पॉक्सो एक्ट के तहत महिला कर्मचारी गिरफ्तार

मुंबई के गोरेगांव में एक प्रतिष्ठित स्कूल में चार साल की मासूम बच्ची के साथ कथित यौन उत्पीड़न की घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया. इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत एक महिला कर्मचारी को हिरासत में लिया और जांच को तेज कर दिया.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Mumbai Crime News: मुंबई के गोरेगांव इलाके में स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ने वाली चार साल की मासूम बच्ची के साथ कथित यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. इस दिल दहला देने वाली घटना ने न सिर्फ अभिभावकों को झकझोर दिया है बल्कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं. पुलिस ने बच्ची के परिजनों की शिकायत पर स्कूल की एक महिला कर्मचारी को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) के तहत गिरफ्तार कर लिया है. यह घटना सोमवार को घटी थी. जबकि पुलिस ने बुधवार को इसकी पुष्टि की.

पूरा मामला

पुलिस के अनुसार बच्ची को उसकी दादी स्कूल छोड़कर गई थीं. स्कूल से लौटने के बाद बच्ची ने प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत की जिससे परिवार को शक हुआ. तत्काल मेडिकल जांच कराया गया, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद परिजनों ने स्कूल प्रशासन को जानकारी दी और फिर गोरेगांव पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. प्राथमिक जांच में यौन उत्पीड़न की पुष्टि होने पर मामला दर्ज किया गया.

पुलिस जांच

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए स्कूल की एक महिला कर्मचारी को हिरासत में लिया. आरोपी के खिलाफ POCSO एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा स्कूल में कार्यरत तीन अन्य महिला सहायक कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है. पुलिस का कहना है कि घटना से जुड़े सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है.

CCTV फुटेज से जुटाए जा रहे सबूत

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि साक्ष्य जुटाने के लिए स्कूल परिसर के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि महिला कर्मचारी की भूमिका को स्पष्ट करने के लिए तकनीकी और प्रत्यक्ष दोनों प्रकार के सबूत जुटाए जा रहे हैं. फिलहाल आरोपी महिला की इस घटना में प्रत्यक्ष भूमिका की पुष्टि नहीं हो पाई है.

सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर से स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. ऐसे प्रतिष्ठित संस्थानों में जहां बच्चों की देखरेख के लिए पर्याप्त स्टाफ होता है वहां इस तरह की घटनाएं होना न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है बल्कि यह दर्शाता है कि मौजूदा सुरक्षा उपाय पर्याप्त नहीं हैं.

अभिभावकों में गहरा आक्रोश

घटना के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है. बच्ची के माता-पिता सहित स्कूल में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के अभिभावक भी सदमे में हैं. कई पैरेंट्स ने स्कूल प्रशासन से लिखित जवाब और सुरक्षा उपायों की जानकारी मांगी है.

पुलिस ने दी निष्पक्ष जांच की गारंटी

पुलिस का कहना है कि मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जा रही है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. जांच पूरी होने के बाद सभी संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हम पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट की बारीकी से जांच की जा रही है.

यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है बल्कि शिक्षा संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत को एक बार फिर रेखांकित करती है. बच्चों की मासूमियत और भरोसे को बचाना अब सिर्फ स्कूल प्रशासन की नहीं बल्कि पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी बन गई है.

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18 September 2025, 10:08 AM IST

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