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Cannes 2025: असम की मां-बेटी ने रेड कार्पेट पर बिखेरी सांस्कृतिक चमक, पूरी दुनिया ने किया सलाम

कान्स 2025 में असम की मां-बेटी ने रेड कार्पेट पर ऐसा जलवा दिखाया कि सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया. उनकी पोशाकों में छुपा है असम की अनोखी संस्कृति का संदेश. जानिए कैसे इस जोड़ी ने ग्लैमर के साथ-साथ अपनी मिट्टी की पहचान भी पूरी दुनिया को दिखा दी!

Aprajita
Edited By: Aprajita

Cannes 2025: दुनिया का सबसे बड़ा और ग्लैमरस फिल्म फेस्टिवल, कान्स 2025 इन दिनों खूब चर्चा में है. जहां पूरे विश्व के सितारे अपने फैशन और ग्लैमर से रेड कार्पेट पर छाए हुए हैं, वहीं असम की एक खास मां-बेटी की जोड़ी ने भी अपना जलवा बिखेरा और सबका ध्यान अपनी ओर खींचा.

यह जोड़ी कोई बॉलीवुड या हॉलीवुड स्टार नहीं बल्कि असम के छोटे से गांव की उर्मिमाला और उनकी बेटी स्निग्धा बरुआ हैं जिन्होंने अपनी अनूठी पोशाक और सांस्कृतिक संदेश से हर किसी को प्रभावित किया.

असम से कान्स तक का खास सफर

उर्मिमाला बरुआ और उनकी बेटी स्निग्धा बरुआ असम की रहने वाली हैं और दोनों उद्यमिता की दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती हैं. उर्मिमाला एक सफल बिजनेसवुमन हैं जिन्होंने अपने सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए काम किया है. उनकी बेटी स्निग्धा भी अपनी कंपनी की सह-संस्थापक हैं और मां के सपनों को पूरा करने में साथ खड़ी हैं.

जब ये मां-बेटी कान्स के रेड कार्पेट पर उतरीं, तो उनकी पोशाक ने सबका दिल जीत लिया. उनकी सुंदरता, आत्मविश्वास के साथ-साथ वह सांस्कृतिक संदेश जो उन्होंने पहनावे के जरिए दिया, वह सबसे खास था.

पोशाकों में बसी असम की सांस्कृतिक विरासत

उर्मिमाला की पोशाक बरगद के पेड़ से प्रेरित थी. बरगद को भारतीय संस्कृति में मजबूती, जड़ों और लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है. उनकी पोशाक ने दिखाया कि कैसे परंपरा और आधुनिकता साथ-साथ चल सकते हैं.

वहीं स्निग्धा की पोशाक बांस के पेड़ से प्रेरित थी, जो असम की संस्कृति में खास महत्व रखता है. उनका ड्रेस बांस के पंख जैसी डिजाइन में था, जो न सिर्फ खूबसूरत था बल्कि असम की पारंपरिक शिल्प कला को भी दर्शाता था. इस तरह दोनों ने अपनी पोशाकों से असम की मिट्टी और संस्कृति को पूरी दुनिया के सामने जीवंत कर दिया.

एक प्रेरणा बनकर उभरी मां-बेटी

उर्मिमाला और स्निग्धा की मौजूदगी केवल एक फैशन स्टेटमेंट नहीं थी, बल्कि यह महिलाओं के लिए एक बड़ा संदेश थी. उन्होंने दिखा दिया कि महिलाएं अपनी सांस्कृतिक जड़ों को कभी नहीं भूलतीं, और उन्हें लेकर भी वे विश्व के बड़े मंचों पर आत्मविश्वास से खड़ी हो सकती हैं. यह मां-बेटी की जोड़ी छोटे गांव से निकलकर वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने वाली हर महिला के लिए प्रेरणा है.

कान्स फिल्म फेस्टिवल 2025 में असम की इस मां-बेटी ने साबित कर दिया कि असम का रंग, उसकी संस्कृति और उसकी शिल्पकला विश्व स्तर पर पहचानी जा सकती है. उर्मिमाला और स्निग्धा बरुआ ने अपने पहनावे के जरिए सिर्फ फैशन नहीं दिखाया, बल्कि असम की सांस्कृतिक धरोहर को भी पूरी दुनिया के सामने रखा. उनका यह सफर और सफलता हर उस लड़की और महिला के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करना चाहती है.

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26 May 2025, 01:08 PM IST

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