कई दिनों से सूरज नहीं देखा, हाथ में फंगस हो गई है और...जब एक्टर दर्शन ने कोर्ट में मांगा जहर, क्या था जज का रिएक्शन?
रेणुकास्वामी हत्या मामले की सुनवाई में अभिनेता दर्शन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हुए और जेल की खराब परिस्थितियों पर नाराजगी जताई. उन्होंने धूप न मिलने, फंगस और बदबूदार कपड़ों की शिकायत कर जहर देने तक की मांग कर डाली. अदालत ने इसे अस्वीकार किया. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी ज़मानत रद्द कर दी और मामला अब 19 सितंबर को सुना जाएगा.

Darshan case: रेणुकास्वामी हत्या मामले की मासिक सुनवाई के दौरान अभिनेता दर्शन को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 64वें सिटी सिविल और सत्र न्यायालय (सीसीएच) के समक्ष पेश किया गया. सुनवाई के दौरान उन्होंने अदालत के समक्ष अपनी मौजूदा परिस्थितियों को लेकर गंभीर शिकायतें दर्ज कराईं.
जेल की स्थिति पर जताई नाराजगी
दर्शन ने जज को बताया कि वह कई दिनों से धूप तक नहीं देख पाए हैं. उनके हाथों में फंगस की समस्या हो गई है और कपड़ों से बदबू आने लगी है. अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस हालत में नहीं रह सकता. कृपया मुझे ज़हर दे दीजिए. जिंदगी यहां असहनीय हो गई है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में जीवित रहना मुश्किल है और कम से कम उन्हें मरने का रास्ता दे दिया जाए. इस पर जज ने तुरंत जवाब देते हुए कहा कि ऐसा संभव नहीं है, यह अदालत नहीं कर सकती.
हत्या मामले में हुई गिरफ्तारी
अभिनेता दर्शन को जून 2024 में रेणुकास्वामी अपहरण और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि चित्रदुर्ग निवासी 33 वर्षीय रेणुकास्वामी ने दर्शन की करीबी सहयोगी पवित्रा गौड़ा को आपत्तिजनक संदेश भेजे थे. इसी के बाद रेणुकास्वामी का अपहरण कर बेंगलुरु के एक शेड में ले जाया गया, जहां उसे प्रताड़ित किया गया और बाद में उसका शव नाले से बरामद हुआ.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
दर्शन को कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिसंबर 2024 में ज़मानत दी थी. लेकिन 14 अगस्त 2025 को सर्वोच्च अदालत ने गवाहों से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए उनकी जमानत रद्द कर दी. साथ ही यह आदेश भी दिया गया कि हिरासत में रहते हुए उन्हें किसी भी प्रकार का विशेष लाभ नहीं दिया जाएगा. आदेश के बाद दर्शन को दोबारा गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
अन्य आरोपियों की सुनवाई
अदालत ने मामले में आरोपी संख्या 13 और 14 की रिहाई याचिकाओं पर भी सुनवाई की. साथ ही आरोप तय करने के लिए 19 सितंबर की तारीख निर्धारित कर दी गई है. अदालत का कहना है कि तय तिथि पर सभी आरोपियों पर औपचारिक रूप से आरोप तय किए जाएंगे.
याचिका पर सुनवाई स्थगित
दर्शन की ओर से दायर दो अन्य याचिकाओं पर भी चर्चा हुई. इनमें पहली याचिका उन्हें बल्लारी जेल में शिफ्ट किए जाने से बचाने से जुड़ी थी, जबकि दूसरी याचिका में उन्होंने बिस्तर और गद्दे जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग की थी. अदालत ने इन दोनों मामलों की सुनवाई को दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.


