कपूर खानदान की परंपरा तोड़कर करिश्मा बनीं हीरोइन-करीना ने किया बड़ा खुलासा
करीना कपूर ने एक टीवी शो में बताया कि कैसे उनके खानदान में लड़कियों को फिल्मों में जाने की इजाज़त नहीं थी, फिर भी करिश्मा कपूर ने अपनी मेहनत और मां के सपोर्ट से बॉलीवुड में एंट्री कर ली।

Entertainment News: कपूर खानदान हिंदी सिनेमा में एक रियासत की तरह जाना जाता है। पृथ्वीराज कपूर से शुरू हुई ये सिलसिला आज रणबीर कपूर तक जारी है। लेकिन इस घर में लड़कियों के लिए सिनेमा की दुनिया में कदम रखना मानो मना किया गया हुक्म था। नीतू कपूर और बबीता जैसी अदाकारा भी शादी के बाद घर संभालने पर मजबूर हो गईं। जब करिश्मा ने हीरोइन बनने की ख्वाहिश जताई, तो पूरा खानदान हैरान रह गया। लेकिन उनकी मां बबीता, जो खुद भी अदाकारा रह चुकी थीं, सबसे पहले बेटी के साथ खड़ी हो गईं। उन्होंने इस सोच को चुनौती दी और बेटी को अपना सपना पूरा करने के लिए हिम्मत दी।
करीना कपूर ने टीवी शो पर बताया कि उनकी मां ने रणधीर कपूर से कहा—करिश्मा को फिल्मों में जाना है। पहले तो रणधीर को हैरानी हुई, लेकिन उन्होंने मना नहीं किया। रणधीर और बबीता, दोनों ने करिश्मा को हर मोड़ पर सहारा दिया।
कई बार हुई नाकामी
करिश्मा के करियर की शुरुआत आसान नहीं रही। उन्होंने कई स्क्रीन टेस्ट दिए, लेकिन शुरुआत में नाकाम रहीं। आखिरकार 1991 में उन्हें 'प्रेम कैदी' फिल्म मिली और यहीं से उनका सफर शुरू हुआ। यह मौका उनके लिए तक़दीर का दरवाज़ा साबित हुआ।
पहली फिल्म से कमाल
'प्रेम कैदी' के बाद रणधीर कपूर ने जब बेटी की अदाकारी देखी, तो गर्व से कहा—"मेरी बेटी किसी बेटे से कम नहीं।" दर्शकों ने भी करिश्मा की मेहनत और अदाओं को दिल से सराहा। उनकी पहली ही फिल्म ने उन्हें सिनेमा में पहचान दिला दी।
देरी से बदला डेब्यू प्लान
असल में करिश्मा पहले बॉबी देओल के साथ 'बाल ब्रह्मचारी' से डेब्यू करने वाली थीं, लेकिन फिल्म में देरी हुई। बाद में ये 1996 में बनी, जिसमें करिश्मा के साथ राजकुमार के बेटे पुरु नज़र आए। तब तक बॉबी देओल 'बरसात' में व्यस्त हो चुके थे।
आज भी हैं फिल्मों में
आज करिश्मा कपूर 51 साल की हो चुकी हैं, लेकिन उनका जलवा कायम है। वे अब भी फिल्मों और ओटीटी प्रोजेक्ट्स में काम कर रही हैं। उनका सफर इस बात का सबूत है कि हौसला और मेहनत से पुरानी सोच भी बदली जा सकती है।


