कौन है JP सिंह? जिनकी जिंदगी से प्रेरित होकर बना जॉन अब्राहम का 'द डिप्लोमैट' किरदार
John Abraham The Diplomat: जॉन अब्राहम की वेब सीरीज द डिप्लोमैट में JP सर का किरदार असल जीवन के कूटनीतिक अधिकारी जितेंद्र पाल सिंह से प्रेरित है. सिंह ने उजमा अहमद के पाकिस्तान से भारत लौटने में अहम भूमिका निभाई थी. उनकी कूटनीतिक समझ और साहस ने उन्हें एक असल नायक बना दिया.

John Abraham The Diplomat: जॉन अब्राहम की वेब सीरीज द डिप्लोमैट के ओटीटी रिलीज के बाद, दर्शकों का ध्यान अब "JP सर" पर केंद्रित हो गया है, जिन्होंने उजमा अहमद की पाकिस्तान से घर वापसी में अहम भूमिका निभाई थी. जॉन अब्राहम का किरदार JP सर, असल में एक असली व्यक्ति, जितेंद्र पाल सिंह से प्रेरित है. सिंह, जो भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी हैं, ने उजमा अहमद के केस को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो इस सीरीज का मुख्य आधार है.
'द डिप्लोमैट' में जॉन अब्राहम का अभिनय, जटिल और संवेदनशील कूटनीतिक मुद्दों को दिखाता है. इस सीरीज में उज़मा अहमद के पाकिस्तान से भारत लौटने के संघर्ष को लेकर कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, और इन्हीं संघर्षों को सुलझाने में JP सिंह की अहम भूमिका रही. आइए जानते हैं इस कूटनीतिक हीरो के बारे में, जिनकी असल जिंदगी ने जॉन अब्राहम के किरदार को प्रेरित किया.
कौन हैं जेपी सिंह?
जितेंद्र पाल सिंह, जिन्हें JP सिंह के नाम से जाना जाता है, भारतीय विदेश सेवा के एक कुशल और अनुभवी अधिकारी हैं. सिंह ने भारत और पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के साथ भारत की कूटनीतिक नीतियों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्हें 2025 में इजराइल में भारत के राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था. सिंह का करियर भारत के विदेश मंत्रालय में कई अहम पदों पर रहा है, और उनका कूटनीतिक कौशल कई बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली साबित हुआ है.
अहम कूटनीतिक पदों पर JP सिंह
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भारतीय दूतावास, मास्को में तीसरे सचिव और दूसरे सचिव (2004-2006)
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भारतीय दूतावास, काबुल में पहले सचिव (2008-2012)
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पाकिस्तान में भारतीय उप उच्चायुक्त (2014-2019)
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इस्तांबुल, तुर्की में भारतीय कौंसुल जनरल (2019-2020)
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विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (PAI) (2020)
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विदेश मंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ (2024-2025)
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इजराइल में भारत के राजदूत (2025)
इन पदों पर रहते हुए JP सिंह ने भारतीय कूटनीति को सशक्त किया. काबुल में भारतीय दूतावास पर हुए दो आतंकवादी हमलों के दौरान उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही. पाकिस्तान में भारतीय उप उच्चायुक्त के रूप में उन्होंने दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को संभालने में मदद की.
उजमा अहमद केस
उज़मा अहमद का मामला एक दिलचस्प और संघर्षपूर्ण कूटनीतिक सफलता था. उजमा पाकिस्तान में एक युवक, ताहिर अली, से मिलने गई थी, जिसे उसने ऑनलाइन जान लिया था. लेकिन वहां उसके साथ कई समस्याएं सामने आईं, जब ताहिर ने उसे जबरन शादी करने के लिए मजबूर किया. उज़मा ने ताहिर पर शारीरिक उत्पीड़न और धोखाधड़ी का आरोप लगाया.
JP सिंह ने अपनी कूटनीतिक समझ और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता से उजमा को पाकिस्तान से सुरक्षित भारत लौटने में मदद की. उनकी इस कोशिश से उज़मा की जिंदगी बदल गई और वह भारत वापस आ सकी. सिंह के इस प्रयास ने उन्हें एक नायक बना दिया, जिनकी कहानी अब जॉन अब्राहम की वेब सीरीज द डिप्लोमैट में दिखाई जा रही है.


