मोबाइल की जिद ने छीनी जान, नाबालिग पोते ने दादा को लोहे की रॉड से मारा!
उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले में मोबाइल न मिलने पर नाबालिग पोते ने लोहे की रॉड से अपने दादा को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने आरोपी पोते और उसके साथी को गिरफ़्तार कर क़त्ल की साजिश का राज़ खोला।

Crime News: बस्ती के रेहरवा गांव में मोबाइल फोन की मांग ने क़त्ल का रूप ले लिया। नाबालिग पोते ने दादा से पैसे मांगे, दादा ने मना कर दिया। दोनों में कहासुनी हुई और मामला हाथापाई तक पहुँच गया। ग़ुस्से में पोते ने लोहे की रॉड उठा ली और हमला कर दिया। उसके साथ मौजूद दोस्त ने भी ईंट से वार किया, जिससे बुज़ुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक रिटायर्ड फौजी रमापति पाण्डेय थे, जो पोते के साथ किराए के मकान में रहते थे। पैसों को लेकर उनके बीच पहले भी झगड़े होते थे। घटना वाले दिन भी मोबाइल खरीदने को लेकर कहा-सुनी हुई। पोते का ग़ुस्सा इस कदर बढ़ा कि उसने दादा की जान ले ली। गांव में इस वारदात से सनसनी फैल गई।
क़त्ल के बाद बनाई कहानी
वारदात के बाद नाबालिग पोते ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। उसने बताया कि वह बाहर था और लौटने पर दादा को लहूलुहान पाया। लेकिन पुलिस को कमरे में खून के धब्बे और टूटी रॉड मिली। जांच में उसका झूठ खुल गया और पूरी साजिश सामने आ गई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पुलिस ने शक के आधार पर पोते और उसके दोस्त को हिरासत में लिया। पूछताछ में दोनों ने जुर्म क़बूल कर लिया। उन्होंने बताया कि मोबाइल न मिलने पर उन्होंने ग़ुस्से में क़त्ल किया। पुलिस ने दोनों को गिरफ़्तार कर जुवेनाइल बोर्ड में पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है।
ग़रीबी और लालच की वजह
परिवार के लोग बताते हैं कि नाबालिग लंबे समय से मोबाइल के लिए ज़िद कर रहा था। दादा बार-बार पैसे देने से मना कर देते थे। दोस्तों के दबाव और मोबाइल की चाह ने उसे अंधा कर दिया। यह लालच और ग़ुस्सा ही वारदात की असली वजह बना।
गांव में खौफ और सदमा
गांव के लोग इस वारदात से सन्नाटे में हैं। बुज़ुर्गों का कहना है कि पोता, जिस पर दादा सबसे ज्यादा भरोसा करते थे, उसी ने उनकी जान ले ली। गांव में चर्चा है कि बच्चों में सब्र और तहज़ीब की कमी बढ़ रही है। लोग इसे समाज के लिए सबक बता रहे हैं।
कोर्ट में अगला क़दम
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और नाबालिग को जुवेनाइल कोर्ट भेजा जाएगा। उसका साथी भी कानूनी कार्रवाई का सामना करेगा। अब सबकी निगाहें अदालत के फैसले पर हैं कि वह इस सनसनीख़ेज़ क़त्ल पर क्या हुक्म देती है।


