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'गांधी और खड़गे बुलाएंगे तो दिल्ली जाएंगे', सीएम विवाद के बीच मुलाकात के बाद बोले सिद्धारमैया, शिवकुमार

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एकजुटता दिखाई. दोनों दिल्ली बुलावे पर तैयार हैं. रोटेशनल सीएम की चर्चाओं के बावजूद नेताओं ने मतभेदों को नकारते हुए पार्टी में स्थिरता का संदेश दिया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

बेंगलुरुः कर्नाटक में पिछले कुछ हफ्तों से चल रही राजनीतिक हलचल और नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने चार दिनों में दूसरी बार संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर अपनी एकजुटता का संदेश दिया. दोनों शीर्ष नेताओं की यह गतिविधि राज्य कांग्रेस के भीतर सियासी समीकरणों को लेकर उठ रहे सवालों को शांत करने का प्रयास मानी जा रही है.

दिल्ली बुलावे पर तैयार दोनों नेता

प्रेस वार्ता में सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि यदि कांग्रेस हाईकमान चाहेगा, तो वह और शिवकुमार तुरंत नई दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व का निर्णय उनके लिए सर्वोपरि है. मुख्यमंत्री ने बताया कि 8 दिसंबर को सांसदों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें मुख्य रूप से किसानों के मुद्दों और प्रदेश से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी. हालांकि, उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा होने की संभावना से इंकार भी नहीं किया, जिससे अटकलें और बढ़ गई हैं.

हम हमेशा एकजुट हैं

सिद्धारमैया ने कहा कि हम दोनों नेता भाई की तरह हैं और एकजुट होकर काम कर रहे हैं. सभी विधायक एकजुट हैं और हम विपक्ष का मजबूती से सामना करेंगे. इस बयान को नेतृत्व संघर्ष की अफवाहों को शांत करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.

ढाई साल पूरा होने पर बढ़ी अटकलें

पिछले महीने सिद्धारमैया के कार्यकाल के ढाई साल पूरे हुए, जिसके बाद से ही कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं. कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस ने चुनाव के समय दोनों नेताओं के बीच रोटेशनल सीएम फॉर्मूला तैयार किया था. इसके अनुसार, आधा कार्यकाल पूरा होने के बाद डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद के लिए मौका मिलना था.

डीके शिवकुमार के संकेतों से बढ़ा सियासी तापमान

हाल ही में शिवकुमार द्वारा कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के संकेत दिए गए, जिसके बाद उनके कई समर्थक दिल्ली पहुंच गए. इससे यह संदेश और मजबूत हुआ कि नेतृत्व परिवर्तन की कवायद शुरू हो रही है. हालांकि, शनिवार को सिद्धारमैया के आवास पर नाश्ते की मुलाकात और आज शिवकुमार के आवास पर हुए नाश्ते ने इन अटकलों को ठंडा करने का काम किया.

कांग्रेस के भीतर स्थिरता बनाए रखने की कवायद

कर्नाटक कांग्रेस 2023 में सत्ता में आई थी और कई दिनों की चर्चा के बाद पार्टी ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था. इसके बाद से ही दोनों नेताओं के बीच संतुलन बनाए रखना कांग्रेस नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती रहा है. हाल की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंसों को इसी चुनौती से निपटने का प्रयास माना जा रहा है, ताकि सरकार और संगठन दोनों में स्थिरता बनी रहे.

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02 December 2025, 12:26 PM IST

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