'पाकिस्तान ने बढ़ाया तनाव तो चुप नहीं बैठेंगे, करेंगे कार्रवाई', सऊदी अरब, चीन समेत इन देशों से बोला भारत
'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और PoK स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की. इसके बाद एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और अन्य देशों के साथ संवाद कर बताया कि यह आत्मरक्षा में की गई सीमित और संयमित कार्रवाई थी. भारत ने स्पष्ट किया कि उसका उद्देश्य किसी देश से युद्ध नहीं, बल्कि आतंकवाद का खात्मा है. चीन ने भी पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह दी.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने त्वरित और सटीक प्रतिक्रिया देते हुए "ऑपरेशन सिंदूर" को अंजाम दिया. इस सैन्य कार्रवाई के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया. इस कार्रवाई के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक संवादों की शुरुआत की.
NSA डोभाल की अंतरराष्ट्रीय बातचीत
ऑपरेशन के बाद अजीत डोभाल ने अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान और सऊदी अरब सहित कई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और विदेश मंत्रियों से सीधे संवाद किया. उन्होंने बताया कि भारत की यह कार्रवाई पूरी तरह से संयमित, लक्षित और केवल आतंकवादियों के खिलाफ थी. डोभाल ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का उद्देश्य किसी देश के साथ तनाव बढ़ाना नहीं है, बल्कि अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
अमेरिका को दी गई सटीक जानकारी
डोभाल ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से फोन पर बातचीत कर ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि और निष्पादन के तरीके की विस्तृत जानकारी दी. अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने इस वार्ता की पुष्टि की और बताया कि भारतीय सेना ने न तो किसी पाकिस्तानी नागरिक को निशाना बनाया और न ही उनके सैन्य ठिकानों को. ऑपरेशन केवल आतंकी शिविरों के खिलाफ था, जो भारत की संप्रभुता और नागरिक सुरक्षा के लिए खतरा थे.
चीन के रुख में बदलाव
भारत-चीन संवाद के दौरान, अजीत डोभाल ने सीपीसी केंद्रीय समिति के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की. बातचीत में भारत ने स्पष्ट किया कि यदि पाकिस्तान ने सीमा पर तनाव को बढ़ावा देने की कोशिश की, तो भारत जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है. चीन, जो पारंपरिक रूप से पाकिस्तान का करीबी रहा है, ने इस बार एक संतुलित रुख अपनाया और पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह दी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “भारत और पाकिस्तान पड़ोसी हैं और आगे भी रहेंगे. दोनों देशों को संयम दिखाना चाहिए और किसी भी स्थिति को युद्ध में नहीं बदलने देना चाहिए.”
रूस, फ्रांस और अन्य देशों से भी संपर्क
भारत ने रूस के एनएसए सर्गेई शोइगु और फ्रांसीसी राष्ट्रपति के सलाहकार इमैनुएल बोने से भी संवाद स्थापित किया. डोभाल ने इन नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति, टारगेट और कार्रवाई की सीमाओं से अवगत कराया. यह स्पष्ट किया गया कि भारत किसी प्रकार की आक्रामकता नहीं दिखा रहा, बल्कि यह एक उत्तरदायी और आत्मरक्षात्मक कदम है.
भारत की कार्रवाई
विदेश मंत्रालय और एनएसए कार्यालय की तरफ से साझा की गई जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर पूर्णतः योजनाबद्ध और सटीक था. यह केवल आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के उद्देश्य से किया गया, जिससे निर्दोष नागरिकों को कोई हानि न पहुंचे. भारत की नीति स्पष्ट रही है – आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख, पर किसी देश के खिलाफ युद्ध नहीं.
वैश्विक समर्थन जुटाने की रणनीति
भारत की कूटनीतिक पहल का मकसद वैश्विक मंचों पर यह संदेश देना है कि आतंकवाद के विरुद्ध यह कार्रवाई न्यायोचित और आवश्यक थी. एनएसए डोभाल की इन बैठकों और संवादों का उद्देश्य भारत की स्थिति को मजबूती से रखना और संभावित अंतरराष्ट्रीय समर्थन सुनिश्चित करना था.


