'गलतियों को समझा गया और सुधारा गया', ऑपरेशन सिंदूर में हुए नुकसान पर क्या बोले सीडीएस जनरल अनिल चौहान?
भारतीय सेना ने पहली बार माना कि मई में पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान कुछ लड़ाकू विमान खोए, पर परमाणु युद्ध की कोई नौबत नहीं आई. जनरल अनिल चौहान ने विमान गिरने के पीछे की गलतियों से सीख लेकर रणनीति में सुधार की बात कही. पाकिस्तान के छह विमान गिराने के दावे को उन्होंने खारिज किया. भारत ने सटीक सैन्य हमले किए और कूटनीतिक संचार बनाए रखा. भविष्य में संघर्ष की दिशा पाकिस्तान की गतिविधियों पर निर्भर करेगी.

भारतीय सेना ने पहली बार स्वीकार किया है कि मई में पाकिस्तान के साथ हुए चार दिवसीय संघर्ष में देश के कई लड़ाकू विमान नष्ट हुए. हालाँकि, शीर्ष सैन्य अधिकारी ने स्पष्ट किया कि इस संघर्ष के दौरान परमाणु युद्ध की कोई संभावना नहीं बनी.
विमान क्यों गिरे? जनरल अनिल चौहान ने दी सफाई
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि यह ज्यादा अहम नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह ज़रूरी है कि वे क्यों गिरे और उनसे क्या सीखा गया. उन्होंने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि छह भारतीय लड़ाकू विमान गिराए गए हैं. भारत ने कितने विमान गंवाए – इस पर जनरल ने स्पष्ट जानकारी देने से इनकार किया, लेकिन स्वीकार किया कि कुछ विमान खोए गए.
सीख लेकर की गई रणनीति में सुधार
जनरल चौहान ने कहा, “महत्वपूर्ण यह है कि हम अपनी गलतियों को समझें, उनसे सबक लें, और उन्हें सुधारें. हमने ठीक वैसा ही किया – रणनीति को फिर से अपनाया और लंबी दूरी के लक्ष्यों पर सटीक हमले किए.” 7 मई को शुरू हुए संघर्ष को लेकर यह अब तक की सबसे स्पष्ट टिप्पणी मानी जा रही है.
पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के दावे को बताया अतिशयोक्ति
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने हाल में दावा किया था कि पाकिस्तान ने छह भारतीय विमान मार गिराए. इस दावे की कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है और भारत सरकार पहले इस पर टिप्पणी से बचती रही. वहीं जनरल चौहान ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर टिप्पणी नहीं की कि अमेरिका ने परमाणु युद्ध टालने में भूमिका निभाई. लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसी भी पक्ष ने परमाणु हमले का विकल्प नहीं चुना था.
संघर्ष की शुरुआत
इस टकराव की शुरुआत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए एक आतंकी हमले से हुई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. भारत ने इसे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की करतूत बताया, जबकि इस्लामाबाद ने इससे इनकार किया. इसके बाद दोनों देशों में हवाई, ड्रोन, मिसाइल और तोपखाने से हमले शुरू हो गए.
भारत की सटीक सैन्य क्षमता का प्रदर्शन
जनरल चौहान ने दावा किया कि भारत ने पाकिस्तान के हवाई अड्डों पर 300 किलोमीटर अंदर तक, एक मीटर की सटीकता से हमले किए. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को चीन से मिली तकनीकी सहायता – जैसे हवाई रक्षा और सैटेलाइट सपोर्ट – संघर्ष में कोई खास लाभ नहीं पहुंचा पाई.
कूटनीति के माध्यम खुले रहे
जनरल ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संचार चैनल खुले थे और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कूटनीतिक रास्ते अपनाए गए. उन्होंने कहा, “परमाणु हथियारों तक पहुँचने से पहले कई कूटनीतिक विकल्प मौजूद होते हैं.”
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति स्पष्ट
भारत और पाकिस्तान ने दुनिया के प्रमुख देशों में राजनयिक प्रयास तेज कर दिए हैं. जनरल चौहान के अनुसार, अब संघर्ष का समापन पाकिस्तान की आगामी कार्रवाइयों पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा, “हमने अपनी लाल रेखाएं स्पष्ट कर दी हैं और इन सीमाओं का उल्लंघन अस्वीकार्य होगा.”


