'बालाकोट नहीं, अब देश सख्त कार्रवाई चाहता है', पहलगाम आतंकी हमले पर बोले फारूक अबदुल्ला
फारूक अबदुल्ला ने कहा कि हमें अफसोस है कि पाकिस्तान यह नहीं समझ पा रहा है कि उसने मानवता की हत्या की है. "अगर पाकिस्तान को लगता है कि हम उनके साथ इस तरह की हिंसा का जवाब देंगे, तो हमें उनकी गलतफहमी को दूर करना चाहिए. हम 1947 में उनके साथ नहीं गए थे, तो आज क्यों जाएंगे? हमने उस समय दो राष्ट्र सिद्धांत को खारिज कर दिया था, और आज हम भी इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है. इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे. इस घटना के बाद, जम्मू और कश्मीर के प्रमुख नेताओं ने आक्रोश व्यक्त किया और इस हमले की कड़ी निंदा की, साथ ही इसने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में और तनाव उत्पन्न किया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को इस आतंकी हमले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह हमेशा पाकिस्तान के साथ बातचीत के पक्षधर रहे हैं. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "हम उन लोगों को क्या जवाब देंगे जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया? क्या हम न्याय कर रहे हैं?" उन्होंने कहा कि बालाकोट नहीं, आज देश चाहता है कि ऐसी कार्रवाई हो, ताकि इस तरह के हमले कभी न हों.
हम 1947 में उनके साथ नहीं गए, तो अब क्या जाएंगे
एनसी प्रमुख ने कहा कि हमें अफसोस है कि पाकिस्तान यह नहीं समझ पा रहा है कि उसने मानवता की हत्या की है. "अगर पाकिस्तान को लगता है कि हम उनके साथ इस तरह की हिंसा का जवाब देंगे, तो हमें उनकी गलतफहमी को दूर करना चाहिए. हम 1947 में उनके साथ नहीं गए थे, तो आज क्यों जाएंगे? हमने उस समय दो राष्ट्र सिद्धांत को खारिज कर दिया था, और आज हम भी इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, हम सब एक हैं...हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे."
#WATCH | Jammu | #PahalgamTerroristAttack | JKNC Chief Farooq Abdullah says, "I used to favour dialogue with Pakistan every time...How will we answer those who lost their loved ones? Are we doing justice? Not Balakot, today the nation wants such action to be taken so that these… pic.twitter.com/YlRzAGUspO
— ANI (@ANI) April 28, 2025
हमला केवल एक कृत्य नहीं, बल्कि योजना थी
फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी कड़ी टिप्पणी जारी रखते हुए कहा कि यह हमला केवल एक कृत्य नहीं, बल्कि एक योजना का हिस्सा था, जो क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने के लिए किया गया था. उनका यह बयान एक दिन बाद आया, जब पाकिस्तान ने इस हमले के बाद भारत के खिलाफ कड़ी बयानबाजी की थी और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था.
सीएम अबदुल्ला ने विधानसभा में जताया शोक
इससे पहले, जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी पहलगाम हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया और इसकी कड़ी निंदा की. उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा, "मैं इस हमले पर शब्द नहीं पा रहा हूं. यह घटना न केवल पीड़ित परिवारों को, बल्कि पूरे देश को प्रभावित कर गई है. बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए इस हमले ने सभी को झकझोर दिया है." उमर ने कहा कि वह बैसरन घाटी में मारे गए लोगों के परिवारों से माफी मांगने का कोई रास्ता नहीं ढूंढ पा रहे हैं.माफी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. मैं यह महसूस करता हूं कि एक मेज़बान के रूप में, पर्यटकों को सुरक्षित वापस भेजना मेरी जिम्मेदारी थी, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका," उमर अब्दुल्ला ने अपनी बात को आगे बढ़ाया.
विधानसभा में इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया, जिससे पूरे राज्य में फैली शोक की लहर और आक्रोश को सम्मानित किया गया. उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हमें इस तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करना चाहिए. इसने हमें आंतरिक रूप से खोखला कर दिया है, लेकिन हम इस त्रासदी के बावजूद उम्मीद की एक किरण ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं."
गुस्से में देश
इस घटना के बाद, जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा स्थिति में और तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. भारतीय सुरक्षा बलों ने हमले के दोषियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है, जबकि पाकिस्तान ने इस हमले को लेकर अपनी तरफ से कूटनीतिक कदम उठाने की बात कही है. इस हमले ने केवल कश्मीर बल्कि पूरे देश को दुख और भय में डुबो दिया है. अब देखना यह है कि इस घटनाक्रम के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में क्या नया मोड़ आता है, और क्या यह तनाव और बढ़ेगा या कूटनीतिक प्रयासों से इसे कम किया जाएगा.


