'आतंकवाद का गढ़ बन गया है पाकिस्तान, मानवता के लिए बना बड़ा खतरा', ऑपरेशन सिंदूर पर बोले असदुद्दीन ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाते हुए उसे मानवता के लिए खतरा बताया. उन्होंने कंधार, 26/11, संसद हमला, उरी जैसे हमलों का हवाला देकर पाकिस्तान की नीतियों की आलोचना की. ओवैसी ने कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करना चाहिए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र होने का दावा करता है, जबकि भारत में 20 करोड़ मुसलमान सुरक्षित हैं.

एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान की तीखी आलोचना करते हुए उसे आतंकवाद का संरक्षक और मानवता के लिए खतरा करार दिया. उन्होंने कहा कि भारत को वर्षों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शिकार बनना पड़ा है और अब समय आ गया है कि दुनिया को सच बताया जाए.
आतंकवाद की जड़ों की ओर इशारा
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने की शुरुआत पूर्व राष्ट्रपति जिया-उल-हक के शासनकाल से हुई थी. उन्होंने देश और दुनिया को याद दिलाया कि कंधार विमान अपहरण, 26/11 मुंबई हमले, 2001 संसद हमला, उरी, पठानकोट, और हाल ही में रियासी और पहलगाम में हुए हमले इसी कड़ी का हिस्सा हैं. उन्होंने इन सभी को मानवता पर हमला बताया.
ऑपरेशन सिंदूर पर दी प्रतिक्रिया
यह बयान 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के संदर्भ में आया है. इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिसके जवाब में भारत ने 7 मई से ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की. इस ऑपरेशन के तहत पीओजेके और पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, जिनमें 100 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.
पाकिस्तानी सेना की छिपी मंशा पर सवाल
ओवैसी ने पाकिस्तान की सेना और तथाकथित 'डीप स्टेट' पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी सेना का असली मकसद भारत की सामाजिक एकता को तोड़ना और अर्थव्यवस्था को कमजोर करना है." उन्होंने यह भी कहा कि यह सब एक लंबी रणनीति का हिस्सा है जो भारत के स्थायित्व को खतरे में डालना चाहती है.
भारत की कहानी दुनिया को बताना जरूरी
ओवैसी ने यह भी कहा कि भारत को अब अपनी बात अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से रखनी चाहिए. उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानता कि मुझे किस समूह का हिस्सा बनाया जाएगा या इसका नेतृत्व कौन करेगा, लेकिन हमारी प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि दुनिया को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की असलियत से अवगत कराया जाए."
भारत में 20 करोड़ मुसलमान रहते हैं
ओवैसी ने पाकिस्तान की उस नीति की आलोचना की, जिसके तहत वह हर बार भारत से टकराव को धार्मिक रूप देने की कोशिश करता है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान खुद को इस्लामिक राष्ट्र बताने की कोशिश करता है, जबकि भारत में 20 करोड़ मुसलमान भाईचारे और शांति के साथ रहते हैं. हमें दुनिया को बताना होगा कि भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार सुरक्षित हैं."
1947 से ही चला आ रहा है पाकिस्तान का दोहरा रवैया
ओवैसी ने कहा कि भारत को पाकिस्तान की मंशा का अंदाज़ा तभी हो जाना चाहिए था जब उसने 1947 के बाद जम्मू-कश्मीर में कबायली घुसपैठियों को भेजा. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान तब से आतंक फैलाने का काम कर रहा है, और आज तक इस रवैये में बदलाव नहीं आया. यह उनका एक पुराना एजेंडा है जिसे वे अब भी आगे बढ़ा रहे हैं."
आतंकवाद का समर्थन, मानवता पर हमला
अपने वक्तव्य के अंत में ओवैसी ने दोहराया कि पाकिस्तान आतंकवादियों को हथियार, ट्रेनिंग और फंडिंग देकर न केवल भारत बल्कि पूरी मानवता के लिए ख़तरा बन गया है. उन्होंने कहा कि अब भारत को सख्त रुख अपनाने की आवश्यकता है और दुनिया को इसका प्रमाण भी देना चाहिए.


