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'बेबुनियाद और भ्रामक हैं पीटर नवारो के बयान'; विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के व्यापार सलाहकार को दिया करारा जवाब

भारत ने अमेरिकी सलाहकार पीटर नवारो के ब्राह्मण समुदाय और रूसी तेल को लेकर दिए गए बयान को भ्रामक और अस्वीकार्य बताते हुए कड़ा विरोध जताया. विदेश मंत्रालय ने भारत-अमेरिका संबंधों को लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित बताया और जिम्मेदार बयानबाज़ी की अपील की. भारत ने साझा हितों के आधार पर साझेदारी को मजबूत बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की हालिया टिप्पणियों पर कड़ा विरोध जताया है. नवारो ने भारत पर ब्राह्मणों द्वारा आम भारतीयों की कीमत पर मुनाफाखोरी का गंभीर आरोप लगाया था और इसे अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने का आधार बताया था.

विदेश मंत्रालय की कड़ी प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस वार्ता के दौरान नवारो के बयान को गलत और भ्रामक करार दिया. उन्होंने कहा कि हमने पीटर नवारो द्वारा दिए गए बयानों को देखा है और स्पष्ट रूप से उन्हें पूरी तरह खारिज करते हैं. जायसवाल ने आगे कहा कि भारत-अमेरिका के बीच संबंध सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और दोनों देश वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं जो लोकतांत्रिक मूल्यों और साझा हितों पर आधारित है.

भारत-अमेरिका साझेदारी का महत्व

प्रवक्ता ने बताया कि भारत और अमेरिका के संबंध विभिन्न वैश्विक परिस्थितियों और चुनौतियों के बावजूद मजबूत बने हुए हैं. दोनों देशों के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है और हाल ही में अलास्का में संयुक्त सैन्य अभ्यास और 2+2 अंतर-सत्रीय बैठक इसका प्रमाण हैं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर यह साझेदारी आगे और मजबूत होगी.

भारत की तेल नीति पर नवारो के आरोप

पीटर नवारो ने भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर भी तीखी आलोचना की और आरोप लगाया कि इससे यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत, रूसी तेल को रिफाइन कर उसे यूरोप, अफ्रीका और एशिया में भारी मुनाफे के साथ बेच रहा है. नवारो ने कह कि भारत अब रूस के लिए एक तेल लॉन्ड्रिंग सेंटर बन चुका है. वह अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेनियों की मौत का जिम्मेदार है.

मोदी का युद्ध

नवारो ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को विवादास्पद ढंग से मोदी का युद्ध बताया था. इतना ही नहीं, उन्होंने भारत के अंदर जाति व्यवस्था पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि ब्राह्मण, आम भारतीयों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं. उनका यह बयान अमेरिका में एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू के दौरान आया, जिसमें उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि भारत बीजिंग और मॉस्को के साथ अपने संबंध क्यों बढ़ा रहा है.

भारत ने की जिम्मेदारी से बयानबाजी की अपील

विदेश मंत्रालय ने इन विवादित टिप्पणियों को अस्वीकार्य और असंगत बताते हुए अमेरिका के साथ रिश्तों को राजनीतिक मतभेदों से ऊपर रखने की बात कही. जायसवाल ने कहा कि भारत, अमेरिका के साथ स्थायी और रचनात्मक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है.

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05 September 2025, 05:30 PM IST

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