'हमले के पीछे समाज को बांटने की मंशा', जम्मू-कश्मीर में बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि यह एक भयानक त्रासदी है. मैं यहां लोगों की मदद करने आया हूं और यह जानने आया हूं कि क्या हो रहा है? जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों ने इस भयानक घटना की निंदा की है और इस समय वे राष्ट्र के साथ पूर्ण समर्थन में हैं. मैंने घायलों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि मेरा प्यार और स्नेह उन सभी के साथ है जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमला 'समाज को बांटने' के इरादे से किया गया. उन्होंने देश से इस घृणित कार्रवाई से लड़ने और आतंकवाद को हराने के लिए एकजुट होने का अपील की. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने श्रीनगर में भारतीय सेना के अस्पताल में घायल पर्यटकों से मुलाकात की. उन्होंने नागरिकों से एकजुट रहने का भी आह्वान किया.
मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह एक भयानक त्रासदी है. मैं यहां लोगों की मदद करने आया हूं और यह जानने आया हूं कि क्या हो रहा है? जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों ने इस भयानक घटना की निंदा की है और इस समय वे राष्ट्र के साथ पूर्ण समर्थन में हैं. मैंने घायलों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि मेरा प्यार और स्नेह उन सभी के साथ है जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है. मैं चाहता हूं कि हर कोई यह जान सके कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है.
हर भारतीय एकजुट होकर खड़ा हो
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि गुरुवार को सर्वदलीय बैठक के दौरान पूरे विपक्ष ने आतंकवादियों की कार्रवाई की निंदा की और सरकार द्वारा की जाने वाली किसी भी कार्रवाई के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया. रायबरेली के सांसद ने कहा कि जो कुछ हुआ है उसके पीछे की मंशा समाज को बांटना है और यह जरूरी है कि हर भारतीय एकजुट होकर खड़ा हो और आतंकवादियों की कोशिशों को परास्त करे. हालांकि, राहुल गांधी ने आतंकवादी हमले के बाद देश भर में कश्मीरी छात्रों को मिल रही धमकियों और उत्पीड़न की खबरों पर चिंता जताई.
कश्मीरी छात्रों के उत्पीड़न पर जताई चिंता
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह देखकर दुख होता है कि कुछ लोग कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के मेरे भाइयों और बहनों पर हमला कर रहे हैं. इस घृणित कार्रवाई से लड़ने और आतंकवाद को हमेशा के लिए हराने के लिए एकजुट होना जरूरी है. उन्होंने श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि उन्होंने मुझे घटना के बारे में जानकारी दी और मैंने उन दोनों को आश्वासन दिया कि मैं और हमारी पार्टी उनका पूरा समर्थन करेगी.
मिनी स्विट्जरलैंड हुआ लहूलुहान
आपको बता दें कि बैसरन में मंगलवार को हुए जघन्य आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए, इनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल है. यह 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी हमला है. बताते चलें कि बैसरन को उसके घास के मैदान के लिए 'मिनी स्विटजरलैंड' कहा जाता है. हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकी समूह के छाया समूह द रेसिस्टेंस फ्रंट ने इसकी जिम्मेदारी ली है.
भारत के एक्शन से बौखलाया पाकिस्तान
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया तथा अनेक उपायों की घोषणा की, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना तथा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं रद्द करना शामिल था. पाकिस्तान ने भी भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने का ऐलान किया. इसके अलावा शिमला शांति समझौता भी स्थगित कर दिया है. इस्लामाबाद ने यह भी कहा कि समझौते के तहत उसके लिए निर्धारित पानी को मोड़ने का कोई भी कदम 'युद्ध की कार्रवाई' माना जाएगा.


