'किसी और के कर्मों की सजा हम भुगत रहे', पहलगाम हमले के बाद भारत छोड़ रहे पाकिस्तानी नागरिकों का छलका दर्द
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद की, जिससे न केवल दोनों देशों के नागरिकों की यात्रा प्रभावित हुई, बल्कि कूटनीतिक संबंध भी तनावपूर्ण हो गए. भारत सरकार ने वीजा निलंबन की घोषणा के बाद पाकिस्तान के नागरिकों को तत्काल भारत छोड़ने का आदेश दिया.

जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के लगभग एक सप्ताह बाद, भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से बाहर निकालने का सिलसिला जारी रखा है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें नागरिक और पर्यटक भी शामिल थे. अब तक अटारी-वाघा सीमा पार से करीब 700 पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है. इनमें पर्यटक और इलाज के लिए भारत आए लोग भी शामिल हैं.
पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला
पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा निलंबित करने का आदेश भारत सरकार ने 22 अप्रैल को दिया था, जब पहलगाम में हुआ हमला गंभीर रूप से चर्चा का विषय बन गया. इस हमले के बाद भारत ने कूटनीतिक कदम उठाते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा निलंबित कर दिया, जो 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था. इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने भी भारतीय नागरिकों को अपने देश से बाहर जाने का आदेश दिया और शिमला समझौते को निलंबित कर दिया.
हम इसकी कीमत चुका रहे हैं
पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश लौटने का आदेश मिलने के बाद, कई ने असहायता और निराशा का इज़हार किया है. अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तानी नागरिकों के चेहरे पर चिंता और चिंता की लहर साफ दिखाई दे रही थी. एक महिला ने सीमा पार करने से पहले बताया, "हम वापस जा रहे हैं, लेकिन हम किसी और के कर्मों की सजा भुगत रहे हैं. पहलगाम में जो हुआ वह गलत था, निर्दोष लोग मारे गए. लेकिन, हम इसकी कीमत चुका रहे हैं."
#WATCH | Punjab | A Pakistani national returning to Pakistan via Attari Border says, "... We came to visit Nagpur and since our visa expired, we are going back... Someone else is being punished for someone else's deeds... Whatever happened in Pahalgam was wrong and innocents… pic.twitter.com/OBbf1wkYXW
— ANI (@ANI) April 28, 2025
हमारे पास लंबी अवधि का वीजा नहीं है
इसके साथ ही एक पाकिस्तानी नागरिक ने यह भी कहा कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था. अमरकोट के निवासी ने कहा, "हम जनवरी से पंजाब में एक रिश्तेदार के पास रह रहे थे. अब हमें भारत छोड़ने के आदेश मिल गए हैं और हमारे पास लंबी अवधि का वीजा नहीं है." उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "यह अच्छा होगा अगर दोनों देश मिलकर काम करें, क्योंकि शांति और सद्भाव से दोनों देशों को अधिक लाभ होगा, न कि गोलीबारी और आतंकवाद से."
कूटनीतिक संबंध भी तनावपूर्ण हुए
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद की, जिससे न केवल दोनों देशों के नागरिकों की यात्रा प्रभावित हुई, बल्कि कूटनीतिक संबंध भी तनावपूर्ण हो गए. भारत सरकार ने वीजा निलंबन की घोषणा के बाद पाकिस्तान के नागरिकों को तत्काल भारत छोड़ने का आदेश दिया. इसके अलावा, भारतीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्रों में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें निर्वासित करें.
इस आदेश का पालन करते हुए, शुक्रवार तक भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी. यह आदेश विशेष रूप से उन पाकिस्तानी नागरिकों के लिए लागू किया गया था, जिनके पास वैध दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) नहीं था. भारत सरकार ने यह भी चेतावनी दी थी कि ऐसे नागरिकों को तीन साल तक की जेल या 3 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
850 से अधिक भारतीय नागरिक की हुई वतन वापसी
पाकिस्तान ने भी इस कार्रवाई का जवाब दिया और भारतीय नागरिकों को अपने देश से बाहर भेजने का आदेश दिया. पाकिस्तान के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 850 से अधिक भारतीय नागरिक पाकिस्तान से वापस आ चुके हैं. सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग की आवश्यकता और भी ज्यादा महसूस हो रही है.
भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पार जाने वाले नागरिकों का यह सिलसिला भविष्य में और गहरे कूटनीतिक रिश्तों को प्रभावित कर सकता है, और इस तरह के हमलों के परिणामस्वरूप दोनों देशों के नागरिकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.


