‘रानी दुर्गावती का मकबरा कहां है?’ सवाल ने मचाया बवाल, छात्रों में गुस्सा
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में BSC सेकंड ईयर की परीक्षा में पूछे गए सवाल पर विवाद खड़ा हो गया. सवाल में रानी दुर्गावती की 'समाधि' को 'मकबरा' कहा गया, जिस पर छात्र संगठनों और इतिहासकारों ने आपत्ति जताई. मामले की जांच शुरू हो गई है.

मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में आयोजित एक परीक्षा के प्रश्नपत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. यह विवाद 3 मई को B.Sc सेकंड ईयर के फाउंडेशन कोर्स की ‘महिला सशक्तिकरण’ विषय की परीक्षा के दौरान सामने आया. परीक्षा में एक सवाल पूछा गया था—“रानी दुर्गावती का मकबरा कहां बना है?”—जिसे लेकर छात्रों और सामाजिक संगठनों में भारी नाराजगी देखी गई.
छात्रों का कहना है कि रानी दुर्गावती एक वीरांगना थीं, जिन्होंने मुगलों से लड़ते हुए बलिदान दिया था, और उनकी 'समाधि' है, न कि 'मकबरा'. इस शब्द के प्रयोग को लेकर न केवल परीक्षा दे रहे छात्र भ्रमित और आहत हुए, बल्कि विश्वविद्यालय परिसर में परीक्षा के बाद जमकर हंगामा हुआ. छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की और कई सामाजिक संगठनों व इतिहासकारों ने इस प्रश्न को रानी दुर्गावती के बलिदान का अपमान बताया.
रानी दुर्गावती पर विवादित सवाल
इतिहासविदों ने कहा कि रानी दुर्गावती भारतीय इतिहास में वीरता और आत्मबलिदान की प्रतीक हैं. उनकी स्मृति से ‘मकबरे’ जैसे शब्दों को जोड़ना न केवल ऐतिहासिक रूप से गलत है, बल्कि सांस्कृतिक अस्मिता के लिए भी एक अपमानजनक कृत्य है. इस मुद्दे पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह गलती एक साधारण त्रुटि नहीं हो सकती, बल्कि यह किसी की जानबूझकर की गई ‘खुराफात’ या साजिश भी हो सकती है.
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
इस बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं. परीक्षा नियंत्रक (Controller of Examination) ने स्पष्ट किया कि प्रश्नपत्र में ‘मकबरा’ शब्द का प्रयोग करना पूरी तरह से अनुचित है और इसकी जांच की जाएगी कि यह सवाल किसने तैयार किया था. संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा और आवश्यकता पड़ी तो अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.
परीक्षा में सवाल को लेकर विश्वविद्यालय में बवाल
गौर करने वाली बात यह है कि यह विवाद रानी दुर्गावती के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय में हुआ है, जिससे इस पूरे मामले को लेकर और भी संवेदनशीलता बढ़ गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन अब मामले की निष्पक्ष जांच कराने की बात कह रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की चूक दोबारा न हो.


