कट्टरपंथियों की हद पार! बांग्लादेश में वट वृक्ष काटकर रोकी गई हिंदू पूजा, वीडियो वायरल
बांग्लादेश से एक बेहद चिंताजनक वीडियो सामने आया है जिसमें कट्टरपंथियों ने हिंदुओं को पूजा से रोकने के लिए 200 साल पुराने पवित्र बरगद के पेड़ को आरी से काट डाला. यह पेड़ हिंदू समुदाय के लिए धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र था. इस घटना ने सोशल मीडिया पर गुस्सा और चिंता दोनों फैला दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है.

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कट्टरपंथियों ने हिंदुओं की पूजा रोकने के इरादे से एक 200 साल पुराने बरगद के पेड़ को आरी से काट डाला. इस पेड़ के नीचे लंबे समय से हिंदू समुदाय के लोग धार्मिक अनुष्ठान और पूजा करते आ रहे थे.
यह घटना न केवल धार्मिक असहिष्णुता की चरम सीमा को दर्शाती है, बल्कि बांग्लादेश में हिंदुओं की लगातार गिरती सुरक्षा स्थिति की ओर भी इशारा करती है. हाल के महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिससे यह साफ है कि वहां हिंदू समुदाय को अपनी आस्था और परंपराओं का पालन करना भी मुश्किल हो गया है.
पूजा रोकने के लिए किया 'महापाप'
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दो व्यक्ति पेड़ की शाखाओं पर आरी चला रहे हैं, जबकि आसपास बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं. यह वही बरगद का पेड़ है, जिसे हिंदू श्रद्धालु पवित्र मानते हैं और जिसके नीचे वे वर्षों से पूजा और अनुष्ठान करते रहे हैं. यह पेड़ लगभग 200 साल पुराना बताया जा रहा है.
बरगद का पेड़: हिंदू आस्था का प्रतीक
हिंदू धर्म में वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है. इसे अक्षयवट भी कहा जाता है और मान्यता है कि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महादेव का वास होता है. ऐसी मान्यताओं के बीच इस पेड़ को काटना केवल एक पेड़ को खत्म करना नहीं, बल्कि एक पूरी आस्था और विश्वास पर प्रहार है.
👉 Islamists in Alamgirer Kandi in Shirkhara Union under Madaripur district cut and destroyed a century-old banyan tree stating people were worshipping the tree by believing it has "divine power". pic.twitter.com/AMLly8weN7
— Salah Uddin Shoaib Choudhury (@salah_shoaib) May 5, 2025
कट्टरपंथियों की सोच ने फिर दिखाई नफरत की सूरत
यह कोई पहली घटना नहीं है. बांग्लादेश में लंबे समय से हिंदू समुदाय के लोग कट्टरपंथी तत्वों के निशाने पर रहे हैं. अब हालात इतने बिगड़ गए हैं कि उन्हें पूजा-पाठ से भी रोका जा रहा है. बांग्लादेश में जब से शेख हसीना सरकार का पतन हुआ और मोहम्मद यूनुस को सत्ता मिली, तब से हिंदू विरोधी तत्वों का प्रभाव बढ़ गया है.
कुछ महीने पहले ही कई जगहों पर हिंदुओं पर हमले हुए थे, जिसमें उनके घरों, मंदिरों और व्यापारिक संपत्तियों को निशाना बनाया गया था. अब यह नया वीडियो एक बार फिर बताता है कि वहां धार्मिक अल्पसंख्यक कितने असुरक्षित हैं.
गिरती जनसंख्या और बढ़ता अत्याचार
एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी अब 8% से भी कम रह गई है. पहले जहां उनकी संख्या करोड़ों में थी, अब यह घटकर लगभग 1.25 करोड़ रह गई है. इसका प्रमुख कारण है – लगातार हो रहे धर्मांतरण, दंगे, हिंसा और धार्मिक उत्पीड़न.
क्या बोले सोशल मीडिया यूजर्स?
इस घटना के सामने आने के बाद ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने नाराज़गी जताई. एक यूजर ने लिखा –
“200 साल पुराने पेड़ को काटना केवल लकड़ी काटना नहीं है, यह हिंदू धर्म की आत्मा पर चोट है.” वहीं एक अन्य ने कहा, “अगर यही हाल रहा, तो जल्द ही बांग्लादेश से हिंदू संस्कृति का नामोनिशान मिट जाएगा.”
क्या कर रही है अंतरराष्ट्रीय बिरादरी?
बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार को लेकर भारत सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठन पहले भी चिंता जता चुके हैं. लेकिन इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आना यह साबित करता है कि अब सिर्फ बयानबाज़ी से बात नहीं बनेगी, ज़रूरत है ठोस कार्रवाई की.