Operation Sindoor Debate: 'आप अगले 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे', विपक्ष पर गरजे गृह मंत्री अमित शाह
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के संघर्षविराम में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी. विपक्ष के सवालों पर अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष को भारतीय नेताओं पर भरोसा नहीं, लेकिन विदेशी बयानों पर विश्वास है.

संसद के मानसून सत्र में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जबरदस्त बहस देखने को मिली. इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान को दिए गए स्पष्ट संदेश की जानकारी सदन को दी. उन्होंने दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की पहल पूरी तरह पाकिस्तान की थी और इसमें अमेरिका की कोई मध्यस्थ भूमिका नहीं थी.
ट्रंप की मध्यस्थता की बात को किया खारिज
जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले और 17 जून को संघर्षविराम की घोषणा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई. उन्होंने कहा, "भारत ने ट्रंप के मध्यस्थता के दावे को सिरे से खारिज कर दिया था. जम्मू-कश्मीर पर कोई समझौता नहीं हो सकता और यह भारत का आंतरिक मामला है."
विपक्ष पर गरजे गृह मंत्री अमित शाह
जयशंकर के भाषण के दौरान विपक्षी दलों ने कई बार व्यवधान डाला, जिससे नाराज़ होकर गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाल लिया. उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा, "विदेश मंत्री के बयान पर विपक्ष को भरोसा नहीं है, लेकिन विदेशी नेताओं के बयानों पर पूरा विश्वास है." उन्होंने कहा, "मैं समझ सकता हूं कि आपकी पार्टी में विदेशी विचारों को कितना महत्व दिया जाता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप सदन में भारतीय सोच की जगह विदेशी सोच थोपें. इसी कारण आप लोग वर्षों से विपक्ष में बैठे हैं और अगले बीस साल तक वहीं बैठेंगे."
कोई समझौता नहीं
विदेश मंत्री ने इस बहस के दौरान भारत के स्पष्ट और सख्त रुख को दोहराया. उन्होंने कहा कि कश्मीर पर कोई मध्यस्थता नहीं हो सकती और भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा. जयशंकर ने बताया कि भारत ने अमेरिका सहित वैश्विक समुदाय को इस बात से अवगत करा दिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहा है, और भारत अब किसी भी हमले का जवाब देने में पीछे नहीं हटेगा.
भारत की कूटनीति पर भरोसा
जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के झूठ और आतंकवादी गतिविधियों को उजागर किया है. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने यह संदेश दिया है कि वह अब परमाणु ब्लैकमेलिंग और आतंकी हमलों के आगे नहीं झुकेगा.


