भूस्खलन और बादल फटने से 7 लोगों की मौत, भारत भर में लगातार बारिश से जनजीवन ठप
भारत के कई राज्यों में इस साल मानसून ने भारी तबाही मचाई है. हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली, मुंबई, मणिपुर और अन्य क्षेत्रों में बाढ़, भूस्खलन और ज़मीन धंसने की घटनाओं ने जनजीवन को प्रभावित किया है. हजारों लोग विस्थापित हुए हैं और कई मौतें भी हुई हैं. राहत और बचाव कार्य जारी हैं.

India monsoon 2025: इस साल का मानसून भारत के कई राज्यों में भारी तबाही लेकर आया है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखंड और मणिपुर जैसे राज्य प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. कहीं बाढ़ तो कहीं भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है.
उत्तर भारत में तबाही का मंजर
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने कई जिलों में तबाही मचाई है. मंडी जिले में बारिश के कारण नदी उफान पर आ गई और बस डिपो सहित कई वाहन पानी में बह गए. निहरी क्षेत्र में हुए भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई. अब तक राज्य में मानसून से जुड़ी घटनाओं में 409 मौतें हो चुकी हैं और 41 लोग लापता हैं.
उत्तराखंड में भी स्थिति गंभीर है. देहरादून और मसूरी जैसे क्षेत्रों में तेज बारिश के चलते कई घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हुए हैं. सहस्त्रधारा में बादल फटने की घटना के बाद SDRF और NDRF की टीमें राहत कार्य में जुटी हुई हैं. टोंस नदी में फंसे एक युवक को भी सफलतापूर्वक बचा लिया गया.
दिल्ली-NCR और मुंबई की हालत
दिल्ली में अगस्त की बारिश ने शहर को पानी-पानी कर दिया. लाल किले के पास कमर तक पानी भर गया, यमुना नदी ने खतरे का निशान पार किया और कई सड़कें जलमग्न हो गईं. गुरुग्राम में भी भारी जलभराव देखा गया. मुंबई में लगातार बारिश के कारण सबवे और मोनोरेल सेवाएं बाधित हो गईं. यात्री घंटों तक फंसे रहे और कई सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गईं.
झारखंड और हैदराबाद भी प्रभावित
रांची में भारी बारिश के बाद कांटा टोली फ्लाईओवर के नीचे ज़मीन धंस गई, जिससे एक एसयूवी गाड़ी धँस गई. सौभाग्यवश कोई हताहत नहीं हुआ. हैदराबाद में भी मूसलाधार बारिश के चलते सड़कें डूब गईं और दो लोगों के लापता होने की खबर सामने आई.
जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन
राजौरी में कोटरंका-खवास सड़क भूस्खलन के कारण पूरी तरह बंद हो गई है. ज़मीन खिसकने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. एक दोमंजिला मकान करीब 50 मीटर नीचे सरक गया. राहत कार्य जारी है और प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय दिए जा रहे हैं.
मणिपुर में बाढ़ का कहर
मणिपुर के इम्फाल पूर्व और थौबल जिले भीषण बाढ़ से जूझ रहे हैं. इरिल और थौबल नदियों के तटबंध टूटने से हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं. कई गांवों में पानी भर गया है और राहत शिविर तक डूब चुके हैं. यूनिटी ब्रिज का ढह जाना राहत कार्यों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.


