800 मौतें, 1000 से ज्यादा घायल...अफगानिस्तान भूकंप पर पीएम मोदी ने जताया दुख, बोले- हरसंभव मदद को तैयार भारत
अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में 6.0 तीव्रता के भूकंप से 800 से अधिक मौतें और 1000 घायल हुए, गांव ढहे, सड़कें टूटीं और बचाव कार्य बाधित हुआ; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संवेदना जताई और भारत ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

Afghanistan earthquake: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अफगानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप पर गहरा दुख व्यक्त किया. इस भूकंप में सैकड़ों लोगों की जान गई है और हजारों घायल हुए हैं. उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि भारत इस कठिन समय में अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है और हरसंभव मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है. पीएम मोदी ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
विदेश मंत्री जयशंकर ने भी दी संवेदना
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस त्रासदी पर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि भारत अफगान लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करेगा. जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “कुनार प्रांत में आया यह विनाशकारी भूकंप बेहद चिंताजनक है. भारत इस मुश्किल घड़ी में अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है और जरूरत पड़ने पर सहायता प्रदान करेगा.”
प्रभावित क्षेत्र और भारी जनहानि
भूकंप का केंद्र पूर्वी अफगानिस्तान का कुनार प्रांत बताया गया है. स्थानीय मीडिया के अनुसार नूर गुल, सोकी, वातपुर, मनोगी और चापा दारा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. केवल नांगरहार प्रांत में ही कम से कम नौ लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए. भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 800 से अधिक लोग मारे गए हैं और 1000 से ज्यादा घायल हैं.
मिट्टी-पत्थरों से बने घर ढहे
इस आपदा से मिट्टी और पत्थर से बने कई गांव पूरी तरह ढह गए. कई जगह भूस्खलन से सड़कें टूट गईं और मुख्य मार्ग बंद हो गए. संचार व्यवस्था भी प्रभावित होने से राहत और बचाव कार्य में भारी दिक्कत आ रही है. तालिबान प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत मदद की अपील की है. हालांकि, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और बुनियादी ढांचे के नष्ट हो जाने के कारण राहत अभियान बेहद धीमी गति से चल रहा है.
बचाव कार्य में चुनौतियां
अधिकारियों ने बताया कि बचाव दल और हेलीकॉप्टर प्रभावित क्षेत्रों में भेजे गए हैं, लेकिन पहाड़ी इलाके और क्षतिग्रस्त सड़कों की वजह से पीड़ितों तक पहुंचने में काफी समय लग रहा है. कई जगह मलबे में लोग दबे होने की आशंका है. अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों से भी मदद मांगी गई है ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके.
बार-बार आने वाली आपदाएं
अफगानिस्तान भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में गिना जाता है. यह त्रासदी दो साल से भी कम समय पहले आए एक और घातक भूकंप की याद दिलाती है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे. लगातार आने वाले भूकंप इस देश की भौगोलिक संवेदनशीलता को उजागर करते हैं, खासकर पहाड़ी और दूरदराज के इलाकों में.
पाकिस्तान में भी महसूस हुए झटके
जानकारी के अनुसार, इस भूकंप के झटके पाकिस्तान के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए. हालांकि वहां से किसी बड़े नुकसान की खबर सामने नहीं आई है.


