चार दशक बाद पंजाब में आई बर्बादी की बाढ़, आबकारी विभाग ने राहत फंड में 50 लाख देकर निभाया इंसानियत का फ़र्ज़
पंजाब में बाढ़ की तबाही से लोग बेहाल हैं। इसी बीच आबकारी विभाग ने मुख्यमंत्री राहत फंड को 50 लाख रुपए की मदद दी है। सरकार लगातार राहत सामग्री और पशुओं के लिए चारा भेजने में जुटी हुई है।

Punjab News: पंजाब में आई बाढ़ की बड़ी आफ़त के बीच आबकारी और कर विभाग ने इंसानियत का फ़र्ज़ निभाया है। विभाग की ओर से मुख्यमंत्री राहत फंड में 50 लाख रुपये का चैक दिया गया। यह रकम हड़्ह पीड़ितों की मदद के लिए इस्तेमाल होगी। विभाग के कर्मचारियों ने अपनी तनख्वाह से हिस्सा निकालकर यह योगदान दिया। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने खुद यह जानकारी साझा की। उनका कहना है कि यह मुहिम इंसान को इंसान से जोड़ने वाली है। मुख्यमंत्री भगवंत मान को यह चैक सौंपा जाएगा।
चार दशकों बाद बड़ी आफ़त
वित्त मंत्री ने कहा कि यह आफ़त पंजाब ने करीब चार दशक बाद देखी है। गुरदासपुर, फिरोजपुर, पठानकोट, अमृतसर और जालंधर जैसे ज़िलों में बाढ़ ने तबाही मचाई है। लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की तलाश में हैं। गाँवों में खेत डूब चुके हैं और पशुओं का चारा ख़त्म हो रहा है। सड़कों पर पानी का सैलाब है और कई इलाक़ों में बिजली भी ठप हो चुकी है। सरकार का कहना है कि सभी को सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया जा रहा है। साथ ही बचाव टीम लगातार लोगों को राहत पहुँचाने में लगी है।
ਆਬਕਾਰੀ ਤੇ ਕਰ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਮੁਲਾਜ਼ਮਾਂ ਵੱਲੋਂ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਰੀਲੀਫ਼ ਫੰਡ ਲਈ 50 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਇਕੱਠੇ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਵਿਭਾਗ ਵੱਲੋਂ ਅਸੀਂ ਲਗਾਤਾਰ ਹੜ੍ਹ ਪੀੜਤਾਂ ਦੀ ਮਦਦ ਕਰ ਰਹੇ ਹਾਂ, ਨਾਲ ਹੀ ਮੈਂ ਬਾਕੀ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਅਪੀਲ ਕਰਦਾ ਹਾਂ ਕਿ ਆਓ ਮੁਸ਼ਕਲ ਹਾਲਾਤਾਂ ‘ਚ ਆਪਣੇ ਲੋਕਾਂ ਦਾ ਸਾਥ ਦੇਈਏ
-@HarpalCheemaMLA
ਕੈਬਨਿਟ ਮੰਤਰੀ, ਪੰਜਾਬ pic.twitter.com/SHOTRc7xn7— AAP Punjab (@AAPPunjab) September 1, 2025
पंजाब सरकार की मदद जारी
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि विभाग सिर्फ़ पैसों से ही नहीं, बल्कि ज़रूरी सामान और राहत सामग्री भी भेज रहा है। खाने-पीने का सामान, दवाइयाँ और कपड़े प्रभावित इलाक़ों में पहुँचाए जा रहे हैं। पशुओं के लिए चारा भी लगातार भेजा जा रहा है ताकि किसान परेशान न हों। चीमा ने पंजाबियों से भी अपील की कि हर कोई मिलकर मदद करे। उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में एक-दूसरे का सहारा बनना ही असली इंसानियत है।
आप कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगी
आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई ने भी बड़ा क़दम उठाया है। हर कार्यकर्ता को आदेश दिया गया है कि वह प्रभावित इलाक़ों में जाकर लोगों की मदद करे। गाँव-गाँव में राहत कैंप लगाए जा रहे हैं। महिलाएँ और बच्चे सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं, उनके लिए ख़ास इंतज़ाम किए जा रहे हैं। कई एनजीओ और समाजसेवी संगठन भी आगे आ रहे हैं। इस मुहिम ने पंजाब में इंसानियत और भाईचारे की तासीर को और मज़बूत किया है।
केंद्र से माँगी बड़ी मदद
वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि पंजाब को इस मुश्किल वक़्त में केंद्र सरकार से मदद चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र पर पंजाब का 60 हज़ार करोड़ रुपये बकाया है। यह रकम तुरंत जारी की जानी चाहिए। पंजाब की हालत बहुत गंभीर है और इस पैसे के बिना हालात संभालना मुश्किल होगा। उन्होंने केंद्र से अपील की कि सियासत छोड़कर इंसानियत को तरजीह दें।
राहत कार्यों में लगन
सरकारी एजेंसियाँ और रेस्क्यू टीम दिन-रात काम कर रही हैं। नावों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया जा रहा है। मेडिकल कैंप लगाकर घायलों और बीमारों का इलाज किया जा रहा है। कई इलाक़ों में हेलिकॉप्टर से भी राहत सामग्री पहुँचाई गई। पुलिस और फ़ौज भी लोगों की जान बचाने में लगी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आख़िरी पीड़ित को मदद नहीं मिलती, राहत कार्य बंद नहीं होंगे।
पंजाबियों से इंसानियत की अपील
वित्त मंत्री ने पंजाब से अपील की है कि हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार मदद करे। उन्होंने कहा कि सरकार अकेले इस आफ़त से नहीं लड़ सकती। अगर समाज साथ दे तो हालात जल्दी काबू में आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि कई उद्योगपतियों ने भी मदद की पेशकश की है। चीमा ने कहा कि यह समय सियासत का नहीं, बल्कि इंसानियत दिखाने का है।


