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नॉर्थ कश्मीर के रफियाबाद जंगल में मिला गोलाबारूद का जखीरा, BDS ने किया नष्ट

उत्तर कश्मीर के बारामुला जिले के रफियाबाद जंगल में सेना को तलाशी अभियान के दौरान दो पुराने तोप के गोले मिले, जिन्हें बम निष्क्रिय दस्ते ने नियंत्रित विस्फोट से सुरक्षित नष्ट किया. घटना से कोई जनहानि नहीं हुई. यह सुरक्षा की सतर्कता और सीमावर्ती इलाकों में संभावित खतरों की याद दिलाती है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh
Raman Saini
Reported By Raman Saini

बारामुला: उत्तर कश्मीर के बारामुला जिले के रफियाबाद क्षेत्र में डोगरीपोरा जंगल में सेना के तलाशी अभियान के दौरान दो पुराने तोप के गोले पाए गए. सेना ने इन गोलों को नियंत्रित विस्फोट के माध्यम से सुरक्षित रूप से नष्ट किया. यह कार्रवाई पूरी सावधानी और तकनीकी दक्षता के साथ की गई.

गोले की पहचान

रक्षा सूत्रों के अनुसार, 32 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) की एक टीम जंगल में नियमित सर्च ऑपरेशन पर थी. इस दौरान सैनिकों ने दो संदिग्ध धातु की वस्तुएं देखीं. मेटल डिटेक्टर से जांच करने पर पता चला कि ये वस्तुएं पुराने तोप के गोले हैं. प्रारंभिक अनुमान यह लगाया गया कि ये गोले या तो पुराने सैन्य अभ्यास के अवशेष थे या किसी आतंकी गतिविधि के दौरान छोड़े गए हो सकते हैं.

सुरक्षा उपाय और कार्रवाई

गोले मिलने के बाद सेना ने तुरंत इलाके को चारों ओर से घेर लिया और सुरक्षा कारणों से आम लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी. सूचना मिलते ही बम निष्क्रिय दस्ते (BDS) मौके पर पहुंचा और तकनीकी प्रक्रिया अपनाते हुए गोलों की जांच की. इसके बाद दोनों गोले एक नियंत्रित विस्फोट के जरिए सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिए गए.

सेना के सूत्रों ने बताया कि इस कार्रवाई में किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ. उन्होंने कहा, “मिले हुए गोले काफी पुराने और जंग लगे हुए थे. सेना की सतर्कता और बम निष्क्रिय टीम की त्वरित कार्रवाई से संभावित खतरे को टाल दिया गया.”

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों ने सेना की तत्परता और पेशेवर अंदाज की सराहना की. उनका कहना है कि अगर ये गोले समय पर नहीं पाए जाते, तो किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता था.

सीमावर्ती इलाके में खतरों की याद

यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि सीमावर्ती इलाकों में बीते संघर्षों और अभ्यासों के अवशेष अब भी मौजूद हैं और कभी भी खतरा बन सकते हैं. ऐसे में सेना की नियमित गश्त और चौकसी न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.

बता दें कि सर्दियों के मौसम में बड़ी संख्या में सीमापार से आतंकी घुसपैठ के लिए तैयारी करते हैं. ऐसे में सुरक्षाबल लगातार सीमापर निगरानी बनाए हुए हैं.
 

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26 October 2025, 11:29 AM IST

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