जनवरी में भारत आ सकते हैं यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की: रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की जनवरी 2026 की शुरुआत में भारत आ सकते हैं.

नई दिल्ली में कूटनीतिक हलचल एक बार फिर तेज़ है. एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया दो दिवसीय भारत यात्रा के तुरंत बाद अब संकेत मिल रहे हैं कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की भी जनवरी 2026 की शुरुआत में भारत आ सकते हैं.
यह प्रस्तावित दौरा भारत की उस संतुलित विदेश नीति की निरंतरता माना जा रहा है, जिसके तहत नई दिल्ली रूस और यूक्रेन दोनों देशों के साथ बातचीत और सहयोग बनाए रखते हुए मौजूदा युद्ध के बीच एक सावधानीपूर्ण संतुलन साध रही है.
भारत का रुख
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह किसी भी पक्ष का समर्थन नहीं कर रहा, बल्कि समाधान का मार्ग संवाद और शांतिपूर्ण वार्ता से ही निकल सकता है. इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय कूटनीति उल्लेखनीय रही है. 2024 में वे जुलाई में मास्को गए थे और उसके अगले ही महीने यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा की थी. यह 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा थी.
रिपोर्ट के अनुसार, ज़ेलेंस्की के प्रस्तावित दौरे को लेकर भारत और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच कई हफ्तों से बातचीत जारी है. पुतिन की यात्रा से पहले ही भारत, कीव के साथ लगातार समन्वय कर रहा था. यूक्रेन के राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक ने भी अगस्त 2025 में यह जानकारी दी थी कि दोनों देश यात्रा की तारीख तय करने की दिशा में काम कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि यह यात्रा जल्द ही रूप लेगी.
भारत की ओर से भी इस पूरे मुद्दे पर लगातार यह कहा जाता रहा है कि यूक्रेन संकट का समाधान केवल कूटनीति से संभव है. पुतिन के साथ उनकी हालिया बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि भारत “तटस्थ” नहीं है, बल्कि शांति के पक्ष में स्पष्ट रूप से खड़ा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी यही कहा कि बातचीत ही आगे की राह है.
पीएम मोदी और ज़ेलेंस्की के बीच नियमित संवाद
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच नियमित संवाद बना हुआ है. सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में उनकी द्विपक्षीय बैठक और कई बार हुई फोन बातचीतों में दोनों नेताओं ने शब्दों का चयन बेहद सावधानी से किया और “युद्ध” या “संघर्ष” शब्दों के बजाय स्थिति को “संकट” बताया.
ज़ेलेंस्की की यह संभावित यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि अब तक यूक्रेन के राष्ट्रपति मात्र तीन बार भारत आए हैं. 1992, 2002 और 2012 में. ऐसे में अगर जनवरी 2026 का दौरा तय होता है तो यह भारत-यूक्रेन संबंधों में एक नया और उल्लेखनीय अध्याय जोड़ देगा.


