पाकिस्तान के खिलाफ बन रहा एक्शन प्लान! तनाव के बीच एनएसए डोभाल ने पीएम मोदी से की मुलाकात
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल से बैठक की और सेना को कार्रवाई की छूट दी. भारत ने लश्कर से जुड़े 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' को दोषी ठहराया और पाकिस्तान पर साजिश का आरोप लगाया. जवाब में वीजा रद्द किए गए और सिंधु जल संधि निलंबित की गई. पाकिस्तान ने भी कड़े कदम उठाए और इसे 'युद्ध की कार्रवाई' बताया है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात की. यह बैठक दो दिनों के भीतर दूसरी बार हुई जब डोभाल ने प्रधानमंत्री को हालात की जानकारी दी. यह मुलाकात उस समय हुई जब देश में पहली बार 1971 के युद्ध के बाद राज्य सरकारें नागरिक सुरक्षा के तहत मॉक ड्रिल आयोजित कर रही हैं.
सेना को दी गई छूट
प्रधानमंत्री ने बीते कुछ दिनों में रक्षा मंत्री, एनएसए, तीनों सेनाओं के प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ कई अहम बैठकें की हैं. इन बैठकों का उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले के पीछे मौजूद लश्कर-ए-तैयबा के गुटों के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई पर चर्चा करना रहा है. बताया गया है कि प्रधानमंत्री ने सेना को कार्रवाई की योजना, टाइम और तरीके तय करने की स्वतंत्रता दे दी है.
पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले को पुलवामा के बाद सबसे गंभीर घटना माना जा रहा है. इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई. 2019 के पुलवामा हमले में 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे. पहलगाम हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली है, जो लश्कर से जुड़ा है.
पाकिस्तान की गहरी साजिश
भारत सरकार का कहना है कि उसके पास ऐसे प्रमाण हैं जो यह दर्शाते हैं कि पाकिस्तान की खुफिया इकाइयाँ एक बार फिर भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रच रही थीं. हालांकि, पाकिस्तान ने इस हमले में अपनी भूमिका से इनकार किया है और स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बंद बैठक में भारत को समर्थन मिला, लेकिन पाकिस्तान को लश्कर से जुड़ी भूमिका पर सवालों का सामना करना पड़ा.
राजनयिक और सामरिक प्रतिकार
भारत ने इस आतंकी हमले के जवाब में कई राजनयिक कदम उठाए हैं. पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रद्द कर दिए गए हैं और 1960 की सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया गया है. यह संधि पाकिस्तान की कृषि प्रणाली के लिए जीवनरेखा मानी जाती है, क्योंकि सिंधु और उसकी सहायक नदियाँ देश की लगभग 80% सिंचाई का साधन हैं. भारत ने अब बांधों का निर्माण और जल भंडारण बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भी जवाबी कदम उठाते हुए भारतीय नागरिकों के लिए वीजा स्थगित कर दिया और 1972 का शिमला समझौता निलंबित कर दिया. पाकिस्तान ने भारत को चेतावनी दी है कि सिंधु जल संधि का निलंबन 'युद्ध के समान' माना जाएगा. दोनों देशों ने सीमाएं और हवाई क्षेत्र भी बंद कर दिए हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है.


