तमिलों के बीच भाषा के महत्व को लेकर अभिनेता कमल हासन का आया बड़ा बयान, नाटक न करने की दी चेतावनी
तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तीन-भाषा नीति को लागू करने के स्टालिन के विरोध को लेकर भाजपा और डीएमके के बीच तीखी राजनीतिक तनातनी चल रही है, जिसमें हिंदी भी शामिल है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत 2,152 करोड़ रुपये की धनराशि तत्काल जारी करने की मांग की।

अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने शुक्रवार को तमिलों के बीच भाषा के महत्व को रेखांकित किया। साथ ही ऐसे मामलों को हल्के में न लेने की चेतावनी दी, उनकी यह टिप्पणी केंद्र और दक्षिणी राज्य में एमके स्टालिन की डीएमके सरकार के बीच चल रहे भाषा विवाद के बीच आई है।
लोगों की भावनाएं हो रही आहत
हासन ने अपनी पार्टी मक्कल नीधि मैयम के 8वें स्थापना दिवस पर भाषण देते कहा कि तमिलों ने एक भाषा के लिए अपनी जान गंवाई है। उन चीजों के साथ मत खेलें। तमिलों, यहां तक कि बच्चों को भी पता है कि उन्हें किस भाषा की जरूरत है। ऐसा करके लोगों की भावनाओं को आहत किया जा रहा है।
टिप्पणी पर जताई चिंता
उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की टिप्पणी पर चिंता व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर तमिलनाडु एनईपी को लागू नहीं करता है तो धनराशि जारी नहीं की जाएगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा, "इससे हमारे राज्य के छात्रों, राजनीतिक दलों और आम जनता में भारी चिंता और अशांति पैदा हो गई है।" उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी से सीधे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।


