बिहार के बाद अब पूरे देश में होगा SIR, चुनाव आयोग ने 10 सितंबर को बुलाई अहम बैठक
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) अगले सप्ताह देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के लिए बैठक करेगा. इसका उद्देश्य वोटर लिस्ट को सुधारना है, जिसमें विदेशी अवैध प्रवासियों की पहचान और नागरिकता के दस्तावेज़ की जांच की जाएगी. पैन-इंडिया SIR में घर-घर सत्यापन, घोषणा पत्र और जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी. बिहार में इस प्रक्रिया को लेकर विवाद जारी है, जहां विपक्ष आरोप लगा रहा है कि वोटर डेटा में छेड़छाड़ की गई है.

Election Commission of India : भारत निर्वाचन आयोग (ECI) अगले हफ्ते एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने जा रहा है, जिसमें देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक अगले बुधवार (10 सितंबर) को राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEOs) के साथ होगी. इस बैठक में विशेष रूप से विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट के संशोधन की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा.
बैठक का महत्व और चुनावी राज्यों पर प्रभाव
SIR का उद्देश्य और प्रक्रिया
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों की पहचान करना है, खासकर बांग्लादेश और म्यांमार से आने वाले प्रवासियों को. आयोग का कहना है कि यह कदम देशभर में अवैध प्रवासियों के खिलाफ जारी कार्रवाई के बीच उठाया जा रहा है.
कैसे होगा पैन-इंडिया SIR?
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित पैन-इंडिया SIR में वोटर सूची को ठीक करने के लिए कई उपाय किए जाएंगे. इनमें से कुछ मुख्य कदम इस प्रकार हैं:
• घर-घर सत्यापन: मतदान अधिकारियों द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन किया जाएगा, ताकि वोटर सूची में कोई गलती न हो.
• घोषणा पत्र: वोटर बनने या राज्य से बाहर से आकर नाम बदलने के लिए एक अतिरिक्त 'घोषणा पत्र' लागू किया गया है.
• प्रमाणित दस्तावेज: वोटरों को यह साबित करना होगा कि वे 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मे थे और इसके लिए उन्हें जन्म प्रमाण पत्र या अन्य संबंधित दस्तावेज़ दिखाने होंगे.
• आवेदन प्रक्रिया: एक विकल्प यह भी है कि यदि वे 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच भारत में जन्मे हैं, तो इसका उल्लेख करेंगे.
• माता-पिता का दस्तावेज: वोटरों को अपने माता-पिता के जन्म स्थान/तिथि के बारे में भी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे.
बिहार SIR विवाद
पैन-इंडिया SIR की योजना के बीच बिहार में विशेष तीव्र संशोधन को लेकर विवाद जारी है. विपक्षी पार्टियाँ आरोप लगा रही हैं कि करोड़ों योग्य नागरिक बिना दस्तावेज़ के मतदान अधिकार से वंचित हो सकते हैं. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि आयोग ने भाजपा को मदद पहुंचाने के लिए वोटर डेटा में छेड़छाड़ की है.
निर्वाचन आयोग द्वारा पैन-इंडिया SIR की प्रक्रिया को लेकर उठाए गए कदम देश में चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और सही बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं. हालांकि, विपक्ष के आरोपों और बिहार में हो रही स्थिति पर आयोग को और अधिक स्पष्टता प्रदान करने की आवश्यकता है.


