अग्निवीर योजना में बड़ा बदलाव हो सकता है अब 25% नहीं, 75% जवानों को मिल सकती है स्थायी सेवा का मौका
Agniveer Scheme 2025: सेना की अग्निवीर भर्ती योजना पर नए बदलाव की बात चल रही है. जहां पहले 4 साल की सेवा के बाद सिर्फ 25% जवानों को ही स्थायी नौकरी तय थी. लेकिन अब इस स्कीम को खत्म करने की योजना बनाई जा रही है.

Agniveer Scheme 2025: भारतीय सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme) पर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं. इस योजना के तहत फिलहाल केवल 25 प्रतिशत जवानों को ही चार साल की सेवा अवधि के बाद स्थायी रूप से सेना में बनाए रखने का प्रावधान है. हालांकि अब इस सीमा में बड़ा इजाफा हो सकता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस प्रतिशत को 75 फीसदी तक बढ़ाने पर विचार कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में आज जैसलमेर में होने वाली आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है. अगले साल अग्निवीरों का पहला बैच अपनी चार साल की सेवा अवधि पूरी कर लेगा, जिससे इस बदलाव का सीधा फायदा इन जवानों को मिल सकता है.
अग्निवीर योजना में बदलाव की तैयारी
2022 में शुरू की गई इस योजना के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में भर्ती किया जाता है. सेवा के बाद केवल 25% अग्निवीरों को ही आगे बनाए रखने का नियम है. अब इस हिस्सेदारी को तीन गुना बढ़ाकर 75% तक करने पर चर्चा हो रही है. इससे न केवल युवाओं को सुरक्षा और स्थायित्व मिलेगा, बल्कि सेना को प्रशिक्षित और अनुभवी सैनिकों का बेहतर उपयोग करने का अवसर भी मिलेगा.
जैसलमेर में आज आर्मी कमांडर्स की मीटिंग
जैसलमेर में आज शुरू हो रही आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में इस प्रस्ताव पर चर्चा होने की संभावना है. यह मीटिंग कई कारणों से अहम मानी जा रही है. क्योंकि यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार हो रही है. इस ऑपरेशन के तहत भारत ने मई में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था.
रिटायर्ड सैनिकों पर विचार
मीटिंग में यह भी विचार किया जाएगा कि रिटायर्ड सैनिकों (Ex-Servicemen) के अनुभव और सेवाओं का बेहतर उपयोग कैसे किया जाए. फिलहाल इन्हें आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी और एक्स-सर्विसमेन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम जैसी संस्थाओं में लगाया जाता है. अब इनकी भूमिका को और बढ़ाने पर भी चर्चा होगी.
तीनों सेनाओं में समन्वय बढ़ाने पर जोर
इस कॉन्फ्रेंस का एक और अहम एजेंडा है. आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के बीच समन्वय को मजबूत बनाना. हाल ही में कोलकाता में हुई कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे, जहां सरकार ने तीन जॉइंट मिलिट्री स्टेशन बनाने की घोषणा की थी.
साथ ही तीनों सेनाओं की शैक्षणिक शाखाओं के विलय और जॉइंट कमांड स्ट्रक्चर पर भी काम शुरू करने की योजना है, ताकि किसी भी ऑपरेशन या आकस्मिक स्थिति में भारतीय बल तेजी से कार्रवाई कर सकें.
हथियारों की मरम्मत और युद्ध तैयारी पर चर्चा
मीटिंग में यह भी समीक्षा की जाएगी कि आपात स्थिति में भारतीय बल कितनी तेजी से सक्रिय हो सकते हैं. हथियारों और विमानों की मरम्मत में लगने वाले समय को घटाने के उपायों पर भी चर्चा की जाएगी, ताकि किसी भी खतरे का तुरंत जवाब दिया जा सके.


