अहमदाबाद विमान हादसे के बाद बोइंग ड्रीमलाइनर पर संकट, सरकार कर सकती है उड़ानों से बाहर
अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान हादसे में 241 लोगों की मौत के बाद देशभर में हवाई सुरक्षा पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। सरकार अब ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगाने पर विचार कर रही है।

नई दिल्ली. अहमदाबाद में गुरुवार को हुए एयर इंडिया के विमान हादसे ने देश को झकझोर कर रख दिया है। लंदन के लिए उड़ान भरते ही क्रैश हुए इस बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो चुकी है। केवल एक व्यक्ति जीवित बचा, जिससे अस्पताल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात कर हाल जाना। हादसे ने ना सिर्फ विमानन सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि अब सरकार इस घटना को देखते हुए बोइंग के ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ान पर अस्थायी रोक लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह खुद अहमदाबाद पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। सूत्रों के अनुसार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय बोइंग 787-8 विमानों की विस्तृत तकनीकी समीक्षा करवा रहा है। हादसे की जांच रिपोर्ट आने तक इन विमानों की उड़ानों पर रोक संभव है।
सेफ्टी ऑडिट और एयर इंडिया की जवाबदेही
सरकार सिर्फ विमान की ही नहीं, एयर इंडिया की मेंटनेंस प्रक्रियाओं की भी गहराई से जांच कराने जा रही है। माना जा रहा है कि एयरलाइन के विमानों की मरम्मत, रखरखाव और तकनीकी जांच की प्रक्रिया को लेकर कई अहम सवाल उठ सकते हैं। हादसे में विमान ने दोपहर करीब 1:30 बजे उड़ान भरी थी और महज़ एक मिनट के भीतर वह नीचे गिर पड़ा।
तकनीकी खामी या पक्षी टकराव?
एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि यह हादसा इंजन फेलियर या पक्षी के टकराने का नतीजा हो सकता है। अक्सर पक्षियों के इंजन में फंसने से इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं। हालांकि अंतिम निष्कर्ष जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा। बोइंग कंपनी ने बयान जारी कर कहा है कि वह एयर इंडिया और भारतीय अधिकारियों के संपर्क में है और जांच में पूरा सहयोग दे रही है। कंपनी की प्रतिष्ठा पर भी यह हादसा बड़ा झटका है, क्योंकि ड्रीमलाइनर सीरीज़ को अब तक सबसे सुरक्षित विमानों में गिना जाता रहा है।
करोड़ों यात्रियों का भरोसा दांव पर
बोइंग की वेबसाइट के मुताबिक, पिछले 14 वर्षों में एक अरब से अधिक यात्री ड्रीमलाइनर विमानों से यात्रा कर चुके हैं। ऐसे में एक बड़े हादसे का असर पूरी इंडस्ट्री पर पड़ सकता है। आने वाले हफ्तों में सरकार के फैसले यह तय करेंगे कि क्या ड्रीमलाइनर भारत में फिर उड़ान भर पाएंगे या नहीं। यह हादसा न केवल एक दुखद त्रासदी है, बल्कि पूरे विमानन तंत्र के लिए एक चेतावनी भी है। सरकार अब हर पहलू पर जांच के बाद ही निर्णय लेगी कि बोइंग ड्रीमलाइनर फिर भारतीय आसमान में दिखेंगे या नहीं।


