अमरनाथ यात्रा रूट बना 'नो फ्लाइंग जोन', UAV और ड्रोन पर बैन
अमरनाथ यात्रा से पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुरक्षा कारणों से बड़ा कदम उठाया है. यात्रा रूट को 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित किया गया है. अब पहलगाम और बालटाल मार्गों पर UAV, ड्रोन और गुब्बारों की उड़ान पर प्रतिबंध रहेगा. यह फैसला संभावित खतरे को टालने के लिए लिया गया है.

3 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज़ से बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय की सलाह पर अमरनाथ यात्रा के दोनों प्रमुख रूट—पहलगाम और बालटाल—को ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब इन इलाकों में ड्रोन, यूएवी, पैराग्लाइडर, हॉट एयर बलून जैसे किसी भी हवाई उपकरण का उड़ान भरना प्रतिबंधित रहेगा.
यह आदेश केंद्र शासित प्रदेश के गृह विभाग द्वारा जारी किया गया है और 1 जुलाई से 10 अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेगा. इसका उद्देश्य किसी भी संभावित खतरे को पहले ही रोक देना है, ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा पूरी तरह सुरक्षित और शांतिपूर्ण रहे. इस नो-फ्लाइंग जोन में दोनों यात्रा मार्गों के साथ-साथ यात्रा से जुड़े बेस कैंप और आसपास के इलाके भी शामिल होंगे.
किन्हें मिलेगी छूट?
हालांकि, यह हवाई प्रतिबंध कुछ विशेष परिस्थितियों में लागू नहीं होगा. जैसे कि अगर मेडिकल इमरजेंसी हो, आपदा प्रबंधन की ज़रूरत पड़े या सुरक्षा बलों द्वारा निगरानी अभियानों को अंजाम देना हो. इन मामलों में अनुमति लेकर उड़ान की इजाज़त दी जा सकती है.
पहलगाम हमले के बाद सतर्क प्रशासन
पिछले दिनों पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां अतिरिक्त सतर्क हो गई हैं. यही कारण है कि इस बार यात्रा से पहले ही कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. एलजी मनोज सिन्हा ने साफ शब्दों में कहा है कि अमरनाथ यात्रा करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी है और सरकार हर हाल में इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.
सुरक्षा बलों की भारी तैनाती
इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए 580 कंपनियों के बराबर केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (CAPF) की तैनाती की जा रही है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस, आर्मी और इंटेलिजेंस एजेंसियां भी 24x7 निगरानी रख रही हैं. CCTV, नाइट विज़न कैमरे और एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल होगा.
सरकार ने मांगा लोगों से सहयोग
प्रशासन ने तीर्थयात्रियों और आम लोगों से सहयोग की अपील की है. अधिकारियों का कहना है कि यह आदेश न केवल सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि शांति और व्यवस्था बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाएगा. यात्रियों को भी सलाह दी गई है कि वे किसी भी तरह की अनधिकृत गतिविधि की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें. अमरनाथ यात्रा हर साल हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होती है और इस बार प्रशासन की ओर से इसकी सुरक्षा को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.


