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₹17,000 करोड़ के घोटाले मामले में ED के सामने पेश हुए अनिल अंबानी, बोले- दस्तावेज इकट्ठा करने के लिए 10 दिन चाहिए

Reliance Group के चेयरमैन अनिल अंबानी को ED ने बुधवार को PMLA जांच में बुलाया. उन्होंने दस्तावेज इकट्ठा करने के लिए सात से दस दिन का समय मांगा है. मामले में ₹17,000 करोड़ के बकाये ऋण और shell कंपनियों के ज़रिए पैसों की हेराफेरी की जांच की जा रही है. ED ने पहले ही कई संपत्तियों को छापा था, और पहले आरोपी पार्थ सरथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया जा चुका है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

रिलायंस ग्रुप क चेयरमैन अनिल अंबानी ने मंगलवार को ED प्रवर्तन निदेशालय के सामने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के दौरान यह बोला कि उन्हें धोखाधड़ी से जुड़े दस्तावेज और तथ्यों को जमा करने के लिए 10 दिन का समय दिया जाए.

₹17,000 करोड़ की धोखाधड़ी की जांच

आपको बता दें कि यह मामला करीब ₹17,000 करोड़ के बकाया लोन से जुड़ा है, जो अंबानी की अलग-अलग कंपनियों ने लिए थे. ED और अन्य जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि यह पैसा कैसे और किन लोगों की मिलीभगत से गलत तरीके से दूसरी जगह भेजा गया.

अंबानी ने किसी भी भूमिका से किया इनकार
सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान अनिल अंबानी ने खुद को किसी भी गलत काम से अलग बताया. उन्होंने कहा कि सभी वित्तीय निर्णय उनकी कंपनियों के बोर्ड द्वारा लिए गए, और उन्होंने सिर्फ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.

ED और CBI की संयुक्त कार्रवाई
इस मामले में ED, CBI और अन्य वित्तीय नियामक एजेंसियों की जांच में यह सामने आया है कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसके तहत पब्लिक का पैसा हड़पा गया. इसमें शेल कंपनियों, फर्जी बैंक गारंटी, बैकडेटेड अप्रूवल और विदेशी संपत्तियों का इस्तेमाल किया गया.

बड़ी तलाशी और गिरफ्तारियां
ED ने जुलाई के अंत में एक बड़ा ऑपरेशन चलाया था, जिसमें 35 ठिकानों की तलाशी ली गई थी. ये ठिकाने करीब 50 कंपनियों और 25 लोगों से जुड़े हुए थे, जिनमें रिलायंस ग्रुप के टॉप अधिकारी भी शामिल थे.

सेबी की रिपोर्ट और R Infra पर आरोप
ED ने SEBI की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने इंटर-कॉर्पोरेट डिपॉजिट (ICDs) के नाम पर ग्रुप की अन्य कंपनियों को पैसा भेजा. यह पैसा CLE नामक कंपनी के जरिये भेजा गया, जिसे जानबूझकर "रिलेटेड पार्टी" के रूप में घोषित नहीं किया गया.

पहली गिरफ्तारी हो चुकी है
ED ने इस केस में पहली गिरफ्तारी 1 अगस्त को की, जब पार्थ सारथी बिस्वाल, जो बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, को पकड़ा गया. बिस्वाल पर रिलायंस पावर के लिए ₹68.2 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी तैयार करने का आरोप है.

विदेश यात्रा पर रोक
एजेंसी ने अनिल अंबानी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) भी जारी कर दिया है, जिससे वह देश छोड़कर न जा सकें. उन्हें दोबारा अगले 7 से 10 दिनों में पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.

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05 August 2025, 07:21 PM IST

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