थाईलैंड से भारत पहुंचा 266 भारतीयों का एक और जत्था, जानें क्यों किये जा रहे रेस्क्यू
थाईलैंड और म्यामांर से रेस्क्यू किए गए भारतीयों का दूसरा जत्था बुधवार को नई दिल्ली पहुंचा. इसमें 266 लोगों को रेस्क्यू कर भारत लाया गया है. इससे पहले सोमवार को भी 283 भारतीयो को लेकर एयरफोर्स का स्पेशल विमान C-17 भारत पहुंचा था. इन लोगों को म्यांमार और थाईलैंड से रेस्क्यू किया गया है. बता दें कि सभी को साइबर अपराध और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाया गया.

दक्षिण पूर्व एशिया के कॉल सेंटरों से बचाए गए 266 भारतीय नागरिकों को वापस भारत लाया गया. इससे एक दिन पहले ही 283 भारतीय नागरिकों को सी-17 भारतीय सैन्य विमान से निकाला गया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत सरकार ने कल भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा 266 भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की, जिन्हें दक्षिण पूर्व एशिया में साइबर अपराध केंद्रों से रिहा कराया गया था. सोमवार को इसी तरह 283 भारतीयों को वापस लाया गया. उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावासों ने उनकी रिहाई सुनिश्चित करने और उनके प्रत्यावर्तन को सुविधाजनक बनाने के लिए म्यांमार और थाईलैंड सरकारों के साथ काम किया.
थाईलैंड और म्यांमार से किया गया रेस्क्यू
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि सरकार म्यांमार सहित विभिन्न दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में फर्जी नौकरी की पेशकश के जरिए भेजे गए भारतीय नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. मंत्रालय ने कहा कि इन लोगों को बाद में म्यांमार-थाईलैंड सीमा से लगे क्षेत्रों में संचालित घोटाला केंद्रों में साइबर अपराध और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाया गया.
विदेश मंत्रालय ने दी ये सलाह
बयान में आगे कहा गया है कि सरकार समय-समय पर सलाह और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से भारतीय नागरिकों को ऐसे रैकेटों के प्रति चेतावनी देती रहती है. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारतीय नागरिकों को एक बार फिर सलाह दी जाती है कि वे किसी नौकरी की पेशकश स्वीकार करने से पहले विदेश स्थित मिशनों के माध्यम से विदेशी नियोक्ताओं की साख की जांच कर लें तथा भर्ती एजेंटों और कंपनियों के पिछले रिकॉर्ड की जांच कर लें.


