60 साल की उम्र में BJP नेता पर प्यार का खुमार, पार्टी कार्यकर्ता से रचाएंगे शादी
पश्चिम बंगाल बीजेपी नेता दिलीप घोष 60 साल की उम्र में रिंकी मजूमदार से शादी करने जा रहे हैं. यह निजी समारोह परिवार की मौजूदगी में होगा. 41 वर्षों तक संघ से जुड़े रहे घोष ने अपनी मां के कहने पर विवाह का फैसला लिया है. इस शादी से राजनीतिक हलचल भी तेज हुई है.

पश्चिम बंगाल बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष 60 साल की उम्र में पहली बार शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. शुक्रवार को वे कोलकाता स्थित अपने आवास पर रिंकी मजूमदार से शादी करेंगे. यह एक बेहद निजी समारोह होगा जिसमें परिवार और करीबी लोग ही शामिल होंगे.
दिलीप घोष की होने वाली पत्नी रिंकी मजूमदार 50 साल की हैं, तलाकशुदा हैं और उनका एक 25 वर्षीय बेटा है जो आईटी सेक्टर में काम करता है. रिंकी बीजेपी की सक्रिय कार्यकर्ता हैं और महिला मोर्चा से जुड़ी हैं. दोनों न्यूटाउन, कोलकाता में रहते हैं.
दिलीप घोष की दुल्हन बनने जा रही हैं ये बीजेपी नेता
दिलीप घोष और रिंकी की मुलाकात 2021 में एक पार्टी कार्यक्रम में हुई थी. धीरे-धीरे यह दोस्ती गहरी होती गई और 2024 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद, जब घोष मानसिक रूप से टूटे थे, रिंकी ने शादी का प्रस्ताव रखा. हालांकि, शुरुआत में दिलीप घोष ने इनकार कर दिया, लेकिन अपनी मां पुष्पलता घोष के कहने पर वे मान गए.
कौन हैं रिंकी मजूमदार?
रिंकी ने दिलीप घोष की मां से मुलाकात कर उन्हें भी शादी के लिए राजी किया. इसके बाद घोष अपनी मां को अपने घर ले आए और अब वे शादी के लिए तैयार हैं. घोष का कहना है कि जीवन का यह पड़ाव भी पूरा करना जरूरी है. दिलीप घोष की शादी की खबर गुरुवार को सामने आई, जब मीडिया ने उनसे सीधे सवाल किया और उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया – “क्या मैं शादी नहीं कर सकता?” इसके बाद शादी की पुष्टि हो गई.
BJP में शादी की चर्चा
हालांकि, दिलीप घोष की शादी से बीजेपी के अंदर कुछ हलचल मच गई है. पार्टी के कुछ नेता और संघ के एक वर्ग ने उन्हें समय का ध्यान रखने की सलाह दी थी, लेकिन घोष ने अपना फैसला नहीं बदला. चिंता यह है कि यह शादी उनकी छवि और आगामी 2026 के विधानसभा चुनाव पर असर न डाले.
दिलीप घोष ने तोड़ा ब्रह्मचर्य व्रत
2014 से सक्रिय बीजेपी नेता और 1984 में आरएसएस से जुड़ने वाले दिलीप घोष ने अब तक विवाह नहीं किया था. वे हमेशा संघ के समर्पित कार्यकर्ता माने जाते रहे हैं. मगर अब वे अपने निजी जीवन में बदलाव लाते हुए पारिवारिक जीवन शुरू करने जा रहे हैं, जो कई लोगों के लिए चौंकाने वाला है.


