Bihar Assembly Election 2025: तेज प्रताप यादव के हलफनामे ने खोले राज, 2.88 करोड़ की संपत्ति और आठ आपराधिक केस का खुलासा
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने महुआ सीट से नामांकन दाखिल किया। हलफनामे में उन्होंने 2.88 करोड़ की संपत्ति और आठ आपराधिक मामलों का खुलासा किया।

National News: बिहार की राजनीति में तेज प्रताप यादव एक बार फिर चर्चा में हैं। राष्ट्रीय जनता दल से निष्कासन के बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के बैनर तले महुआ विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। नामांकन के समय वे अपनी दिवंगत दादी की तस्वीर साथ लेकर पहुंचे और इस कदम को भावनात्मक संदेश देने की कोशिश बताया। यह कदम न सिर्फ राजद के खिलाफ बगावत है बल्कि अपनी राजनीतिक पकड़ दोबारा दिखाने की कोशिश भी है।
हलफनामे में घोषित संपत्ति
दाखिल किए गए हलफनामे के अनुसार, तेज प्रताप यादव के पास कुल 2.88 करोड़ की संपत्ति है। इसमें करीब 91.65 लाख की चल संपत्ति और 1.96 करोड़ की अचल संपत्ति शामिल है। दिलचस्प बात यह है कि 2020 में उन्होंने 1.22 करोड़ की चल और 1.6 करोड़ की अचल संपत्ति घोषित की थी। यानी इस बार चल संपत्ति में कमी आई है जबकि जमीन-जायदाद की कीमत थोड़ी बढ़ी है।
आठ आपराधिक मामले दर्ज
हलफनामे में यह भी साफ हुआ कि तेज प्रताप यादव पर आठ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें आईपीसी की गंभीर धाराएं 302, 324, 120बी और 341 शामिल हैं। इसके अलावा दहेज उत्पीड़न, एससी-एसटी एक्ट और आर्म्स एक्ट जैसे मामले भी दर्ज हैं। हालांकि, अब तक किसी भी केस में उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक का मामला अभी पटना की पारिवारिक अदालत में विचाराधीन है, इसलिए उनका ब्योरा हलफनामे में नहीं जोड़ा गया।
लालू ने किया था निष्कासित
मई 2025 में तेज प्रताप को उनके पिता और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। कारण बताया गया-‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’। इस फैसले के बाद तेज प्रताप ने जनशक्ति जनता दल नाम से नई पार्टी बनाई और अब उसी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका यह कदम उनके राजनीतिक भविष्य की सबसे बड़ी परीक्षा माना जा रहा है।
राजनीति और विवाद हमेशा साथ
तेज प्रताप यादव का राजनीतिक सफर हमेशा विवादों से घिरा रहा है। कभी उनके बयानों से बवाल हुआ तो कभी निजी जिंदगी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया। कुछ समय पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि वे एक महिला के साथ रिश्ते में हैं। इसके बाद पार्टी ने सख्त कार्रवाई की और उन्हें निष्कासित कर दिया। बाद में तेज प्रताप ने कहा कि उनका अकाउंट हैक हो गया था।
2020 में बने थे विधायक
तेज प्रताप यादव 2020 में महुआ सीट से राजद विधायक बने थे। इसके बाद उन्हें हसनपुर सीट से भी चुनाव लड़ने का मौका मिला। उतार-चढ़ाव भरे करियर के बावजूद वे बिहार के चर्चित नेताओं में से एक हैं। इस बार फिर महुआ से मैदान में उतरकर वे अपनी नई पार्टी की साख को साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।
बिहार चुनाव का बढ़ा रोमांच
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 इस बार बेहद दिलचस्प होने वाले हैं। राज्य में दो चरणों में मतदान होगा – 6 नवंबर और 11 नवंबर को। मतगणना 14 नवंबर को होगी। ऐसे में महुआ सीट से तेज प्रताप यादव की नई पारी और उनकी पार्टी का भविष्य भी उसी दिन तय होगा। अब देखना है कि जनता उन्हें दोबारा मौका देती है या उनके विवादों का असर उनके राजनीतिक करियर पर भारी पड़ता है।


