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243 सीटें और 255 उम्मीदवार...महागठबंधन में कहां फंस गया पेंच, तेजस्वी-राहुल क्यों नहीं सुलझा पाए सीटों का मुद्दा

Mahagathbandhan: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर असमंजस है. राजद और कांग्रेस के बीच छह सीटों पर सीधा मुकाबला है, जबकि भाकपा और कांग्रेस के बीच चार सीटों पर आमने-सामने हैं. चिराग पासवान ने कहा कि महागठबंधन में टूट से एनडीए को फायदा हो सकता है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Mahagathbandhan: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिससे कुछ तस्वीरें स्पष्ट हुईं. राजद और कांग्रेस के बीच छह सीटों पर सीधा मुकाबला होने वाला है, वहीं भाकपा और कांग्रेस के बीच चार सीटों पर आमने-सामने की स्थिति है. इसके अलावा, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और राजद के बीच दो सीटों (चैनपुर और बाबूबरही) पर टक्कर होगी.

महागठबंधन में सीट बंटवारे पर असमंजस

राजद द्वारा जारी की गई सूची में छह ऐसी सीटें शामिल हैं, जहां कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं. ये सीटें हैं – वैशाली, सिकंदरा, कहलगांव, सुल्तानगंज, नरकटियागंज और वारसलीगंज. इस बीच, वामदलों और कांग्रेस के बीच भी कुछ सीटों पर सीधे मुकाबले की स्थिति बन रही है, जिनमें बछवाड़ा, राजापाकर, बिहारशरीफ और करगहर प्रमुख हैं. इन सभी सीटों पर नामांकन की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर तक है, जिससे इस स्थिति में सुधार की संभावना जताई जा रही है.

नामांकन की प्रक्रिया में अनिश्चितता का दौर रहा है, लेकिन बछवाड़ा, राजापाकर और बिहारशरीफ जैसी सीटों पर पहले चरण में मतदान होने के कारण अब निश्चित तौर पर सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा, क्योंकि इन सीटों पर नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख समाप्त हो चुकी है.

महुआ में परिवारिक कलह

राजद के लिए महुआ सीट भी महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि यहाँ पर राजद ने लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ मुकेश रौशन को मैदान में उतारा है. तेज प्रताप को इस साल की शुरुआत में पार्टी से निकाल दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी, जनशक्ति जनता दल, बना ली थी. इस परिवारिक कलह के बीच यह सीट महागठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि यह चुनाव बिहार की राजनीति के तनावपूर्ण माहौल को और बढ़ा सकता है.

एनडीए को मिलेगा फायदा?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महागठबंधन के भीतर चल रहे इस असमंजस और आंतरिक संघर्ष का फायदा भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और अन्य एनडीए सहयोगियों को मिल सकता है. चिराग पासवान, जो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख हैं, ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि महागठबंधन में टूट की स्थिति एनडीए को कई सीटों पर मजबूती दे सकती है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन में सीटों के चयन को लेकर विवाद हो सकता है, और अब तक वे सीटों की संख्या भी तय नहीं कर पाए हैं.

पासवान का बयान

चिराग पासवान ने यह भी कहा, "मैंने कभी ऐसा चुनाव नहीं देखा, जहां इतना बड़ा गठबंधन टूटने की कगार पर हो." उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन ने एनडीए को कई "चुनौतीपूर्ण सीटों" पर आसानी से मात दी है, लेकिन सीटों के बंटवारे में लगातार विवाद इस बात को साबित करता है कि विपक्षी दलों के बीच एकता और समन्वय की कमी है.

क्या महागठबंधन के लिए चुनाव आसान होगा?

पासवान ने कहा, "दोस्ताना लड़ाई जैसी कोई चीज नहीं होती. या तो आप दोस्त हैं या फिर एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं. अगर आप एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और नेताओं को निशाना बना रहे हैं, तो आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि इसका असर दूसरी सीटों पर नहीं पड़ेगा?" यह बयान महागठबंधन के लिए एक गंभीर चेतावनी साबित हो सकता है, क्योंकि इस तरह के आंतरिक विवाद से विपक्षी वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिससे भाजपा को फायदा हो सकता है.

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21 October 2025, 02:22 PM IST

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