बिहार चुनावः आखिरी वक्त में टली एनडीए की प्रेस कॉन्फेंस! सीटों के बंटवारे को लेकर सहयोगी दल नाराज, जानें कब तक होगी घोषणा
Bihar assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर भाजपा और जदयू के बीच मतभेद उभर आए हैं. 101-101 सीटों पर सहमति के बावजूद क्षेत्रों के चयन पर विवाद है. संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द हो गई है, जिससे गठबंधन में असहमति और सत्ता संतुलन में बदलाव के संकेत मिले हैं.

Bihar assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे पर सहमति बनने के बाद अब अंत समय में मतभेद उभर आए हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बीच सीटों के बंटवारे पर गतिरोध के चलते सोमवार शाम को प्रस्तावित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी गई. इससे यह साफ हो गया कि अब भी सीटों को लेकर कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बनी है.
अंतिम समय पर बना गतिरोध
सोमवार को जदयू सांसद संजय झा के आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी, जिसमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को शामिल होना था. लेकिन उससे ठीक पहले दोनों नेता आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए बैठक करने पहुंचे, जो सफल नहीं हो पाई.
देर रात तक चली बैठकों की सियासत
संयुक्त प्रेस वार्ता टलने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान, नित्यानंद राय और नितिन नवीन भी झा के आवास पहुंचे और रात 9:30 बजे के बाद रवाना हुए. यह दर्शाता है कि स्थिति को सुलझाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन अभी तक पूर्ण सहमति नहीं बन सकी है.
उम्मीदवार तय करने को लेकर पेंच
हालांकि भाजपा और जदयू के बीच 101-101 सीटों पर लड़ने का फार्मूला तय हो चुका है, लेकिन अब भी इस बात पर विवाद बना हुआ है कि किस पार्टी को कौन-से क्षेत्र दिए जाएंगे. यह असहमति सीटों के जमीनी स्तर पर दावेदारी को लेकर है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां दोनों दल खुद को मजबूत मानते हैं.
जदयू ने उम्मीदवारों को देना शुरू किया आश्वासन
सूत्रों की मानें तो जदयू ने अभी सीटों पर औपचारिक समझौता न होने के बावजूद चुनाव के पहले चरण के तहत अपने कुछ उम्मीदवारों को टिकट का आश्वासन देना शुरू कर दिया है. पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान होगा.
लोजपा-रामविलास और अन्य दलों की स्थिति
धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को बताया कि एनडीए में सीट बंटवारे का फार्मूला तय है. भाजपा और जदयू 101-101 सीटों, लोजपा-रामविलास 29, हम (HAM) और रालोसपा (RLSP) को 6-6 सीटें दी गई हैं.
HAM को जिन सीटों का आवंटन हुआ है, उनमें टेकारी, कुटुंबा, अटारी, इमामगंज, सिकंदरा और बाराचट्टी शामिल हैं. वहीं, आरएलएम को उजियारपुर, मधुबनी, सासाराम, दिनारा, महुआ और बाजपट्टी से चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
गठबंधन में शक्ति संतुलन का संकेत
यह पहला अवसर है जब जदयू भाजपा से अधिक सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रही है. यह एनडीए के भीतर बदलते शक्ति संतुलन और भाजपा की बढ़ती रणनीतिक पकड़ को दर्शाता है.


