Blocked, Blocked और Blocked...'वोटर चोरी' पर चुनाव आयोग के फैक्ट चेक पर राहुल गांधी ने उठाए सवाल
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के अलंद क्षेत्र में 6,018 वोट हटाने की साजिश की जांच मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा रोकी जा रही है और चुनाव आयोग विपक्षी मतदाताओं को निशाना बना रहा है. चुनाव आयोग ने इन आरोपों को निराधार बताया और कहा कि सभी दस्तावेज जांच एजेंसियों को दे दिए गए हैं, जिससे विवाद गहराता जा रहा है.

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाए जाने की जांच को जानबूझकर रोका जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग इस मामले में पारदर्शिता बरतने से बच रहा है और विपक्षी मतदाताओं को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाया जा रहा है.
एक्स पर लगाए आरोप
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि अलंद से कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा धोखाधड़ी का खुलासा करने के बाद, स्थानीय चुनाव अधिकारी ने एफआईआर दर्ज करवाई थी. लेकिन, सीआईडी जांच को मुख्य चुनाव आयुक्त ने रोक दिया. उन्होंने कहा कि कर्नाटक सीआईडी ने पिछले 18 महीनों में 18 पत्र भेजकर जरूरी सबूत मांगे, मगर हर बार सीईसी की ओर से जांच को अवरुद्ध कर दिया गया.
After our Aland candidate exposed the fraud, the local EC official filed an FIR, but the CID investigation has been - BLOCKED by CEC.
The Karnataka CID has written 18 letters in 18 months requesting all incriminating evidence - BLOCKED by CEC.
The Karnataka EC has sent multiple… https://t.co/l6vOv2nNga— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 18, 2025
6,018 वोट हटाने की साजिश का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि यदि इस कथित “वोट चोरी” का समय रहते खुलासा नहीं हुआ होता तो अलंद क्षेत्र में उनके प्रत्याशी की हार निश्चित थी. उन्होंने बताया कि कुल 6,018 वोट हटाने की कोशिश की गई थी. राहुल ने सीईसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि गंतव्य आईपी एड्रेस, डिवाइस पोर्ट और ओटीपी ट्रेल्स जैसी अहम तकनीकी जानकारी जानबूझकर रोकी गई है. उनका कहना था कि मुख्य चुनाव आयुक्त को तत्काल कर्नाटक सीआईडी को सभी सबूत सौंप देने चाहिए.
चुनाव आयोग का पलटवार
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी. आयोग ने अपने आधिकारिक अकाउंट से #ECIFactCheck टैग के साथ पोस्ट कर गांधी के दावों को “गलत और निराधार” बताया. आयोग ने कहा कि किसी भी आम नागरिक द्वारा ऑनलाइन मतदाताओं के नाम हटाए नहीं जा सकते और ऐसा कोई प्रावधान भी नहीं है. आयोग के अनुसार, 2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र में नाम हटाने के कुछ असफल प्रयास हुए थे, जिसके बाद आयोग के ही एक अधिकारी ने एफआईआर दर्ज करवाई थी.
अलंद क्षेत्र के चुनावी परिणाम
आयोग ने स्पष्ट किया कि 2018 में अलंद सीट भाजपा के सुभाध गुट्टेदार ने जीती थी, जबकि 2023 में कांग्रेस के बी.आर. पाटिल विजयी रहे. आयोग ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज कलबुर्गी जिले के पुलिस अधीक्षक को 6 सितंबर 2023 को सौंप दिए गए थे.
कर्नाटक सीईओ कार्यालय का बयान
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने कहा कि इस पूरे मामले में जो भी सूचना और दस्तावेज मांगे गए थे, वे पहले ही संबंधित जांच एजेंसियों को भेजे जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि मतदाता सूची में नाम हटाने की कथित साजिश को लेकर दर्ज एफआईआर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) ने की थी, जो चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. सीईओ कार्यालय ने कहा कि वे जांच एजेंसी को पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं और कोई भी सूचना रोकी नहीं गई है.
मामला अब भी विवादों में
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने और विपक्षी मतदाताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. दूसरी ओर, चुनाव आयोग का कहना है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई. इस मुद्दे पर राजनीतिक टकराव और तेज होने की संभावना है.


