चपरासी से लेकर अफसरों तक बढ़ेगा... 8वें वेतन आयोग के बाद सैलरी में बदलाव, जानिए कितनी बढ़ेगी आपकी सैलरी
मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में संशोधन के लिए आठवें वेतन आयोग का गठन किया है, जो 18 महीने में अपनी सिफारिशें सरकार को प्रस्तुत करेगा.

नई दिल्ली : मोदी सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय कर्मचारियों के वेतनमान और विभिन्न भत्तों में संशोधन के उद्देश्य से आठवें वेतन आयोग का गठन किया. इस आयोग का कार्यकाल 18 महीने निर्धारित किया गया है और इसे अपनी सिफारिशें 18 महीने में सरकार को सौंपनी होंगी. आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त जज रंजना प्रकाश देसाई करेंगी, जबकि आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष को अस्थायी सदस्य और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन को सदस्य-सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है.
आयोग का उद्देश्य और रिपोर्ट की समयसीमा
पेंशन योजना और फिटमेंट फैक्टर पर ध्यान
आयोग को कर्मचारियों की बिना योगदान वाली पेंशन योजना के वित्तीय पहलुओं पर भी सुझाव देने का आदेश दिया गया है. इसके अतिरिक्त, वेतन में वृद्धि का निर्धारण फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ते (डीए) के समायोजन पर आधारित होगा. पिछले सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जबकि आठवें आयोग में इसे कितनी बढ़ोतरी मिलेगी, यह मुख्य सवाल है.
यहां समझिए वेतन वृद्धि का गणित
वेतन वृद्धि की गणना फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ते (डीए) के आधार पर की जाएगी. सातवें वेतन आयोग में डीए 55% था, जो नई मूल वेतन में समायोजित हो जाएगा. उदाहरण के तौर पर, यदि आप लेवल-5 पर कार्यरत हैं, तो सातवें वेतन आयोग में आपका मूल वेतन ₹29,200 था, और डीए ₹16,060 था. मेट्रो शहर में हाउस रेंट अलाउंस (27%) ₹7,884 था, जिससे आपका कुल वेतन ₹53,144 बनता था. यदि आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.0 लागू होता है, तो आपका नया मूल वेतन ₹58,400 होगा. डीए को शून्य पर रीसेट कर दिया जाएगा, और हाउस रेंट अलाउंस बढ़कर ₹15,768 हो जाएगा. इस प्रकार, कुल वेतन ₹74,168 होगा.
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए फायदेमंद बदलाव
आठवें वेतन आयोग का गठन 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए फायदेमंद साबित होगा. इस बदलाव से कर्मचारियों को अधिक वेतन और भत्तों के लाभ मिलने की संभावना है, जो उनके जीवनस्तर को बेहतर बनाएंगे.
आगे की योजना
आयोग को अपने कार्य को पूरी पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन के साथ करना होगा. इसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों के वेतन में संतुलित वृद्धि होगी, जो सरकारी खजाने पर दबाव डालने से बचते हुए लागू की जाएगी. यह कदम सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों के प्रति सम्मान और समर्पण को दर्शाता है, साथ ही यह भी दिखाता है कि सरकार वेतन सुधारों के जरिए कर्मचारियों के जीवनस्तर को ऊंचा करने के लिए संजीदा है.


