'पार्टी में एकता नहीं और 10 हजार...', कांग्रेस ने बताया बिहार में क्यों हुआ उनका सफाया
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिली हार के बाद कांग्रेस दिल्ली में दूसरी समीक्षा बैठक की. इस बैठक में कांग्रेस नेताओं ने बिहार में मिली हार को लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रियां दे रहे थे.

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिली हार के बाद कांग्रेस लगातार वजह ढूंढने की कोशिश कर रही है. अब तक इस विषय में कांग्रेस ने दो बार बैठक कर ली है. राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में दिल्ली में दूसरी समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान पार्टी उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी बात रखी.
NDA की प्रोत्साहन योजना को ठहराया जिम्मेदार
खड़गे के नई दिल्ली स्थित आवास पर हुई इस बैठक में कांग्रेस नेताओं ने बिहार में मिली हार को लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रियां दी. इस हार का पहला कारण टिकट वितरण में देरी बताई गई. वहीं दूसरा कारण पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह और मतभेद बताया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, समीक्षा बैठक में नेताओं ने महिलाओं के लिए 10,000 रुपये की NDA की प्रोत्साहन योजना को भी जिम्मेदारी ठहराया. वहीं बैठक के बाद वेणुगोपाल ने कहा कि 4 घंटे तक चली इस समीक्षा बैठक से एक बात साफ हो गई है कि बिहार चुनाव कोई वास्तविक जनादेश नहीं है, बल्कि यह मनगढ़ंत परिणाम है.
बिहार में NDA की शानदार जीत
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने 202 सीटें जीतकर बिहार में अपनी सत्ता बरकरार रखी. इस दौरान भाजपा 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी. जबकि जेडीयू ने 85 सीटें जीतकर सबको हैरान कर दिया. वहीं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी ने भी 19 सीटें जीती. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने 5 और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने 4 सीटें जीती.
कांग्रेस की करारी हार
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार शर्मनाक रही. कांग्रेस ने 61 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ 6 में जीत हासिल कर पाई. वहीं राष्ट्रीय जनता दल का प्रदर्शन भी कुछ कांग्रेस जैसा ही रहा. इस पार्टी ने 143 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ 25 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई. अगर कुल मिलाकर गठबंधन की बात की जाए तो 243 सीटों में सिर्फ 35 सीटें ही जीत पाई. यह हार गठबंधन के लिए एक करारी है.


