रक्षा सचिव ने किया पूर्वी नौसेना कमान का दौरा, समुद्री सुरक्षा इंतजामों का लिया जायजा

भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान का दो दिवसीय दौरा किया, जिसमें परिचालन क्षमताओं, रणनीतिक तैयारियों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की गई. उन्होंने नौसेना अधिकारियों से चर्चा कर पूर्वी तट की सुरक्षा स्थिति को जाना और जवानों के मनोबल की सराहना की. सरकार की प्रतिबद्धता नौसेना के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में स्पष्ट रूप से दिखी.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने 16 और 17 मई 2025 को एक महत्वपूर्ण दो दिवसीय यात्रा पर विशाखापत्तनम स्थित पूर्वी नौसेना कमान का दौरा किया. इस दौरे का उद्देश्य भारतीय नौसेना की रणनीतिक तैयारियों, परिचालन क्षमताओं और पूर्वी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करना था.

वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय चर्चा

यात्रा के दौरान रक्षा सचिव ने पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर से मुलाकात की. इस बैठक में पूर्वी नौसेना कमान की संचालनगत तैयारियों, वर्तमान तैनाती, सुरक्षा रणनीतियों, और समुद्री गतिविधियों पर चर्चा हुई.

वाइस एडमिरल पेंढारकर ने रक्षा सचिव को कमान के द्वारा किए जा रहे प्रमुख अभियानों, प्रशिक्षण, निगरानी तंत्र, और अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैसे पूर्वी नौसेना कमान देश की समुद्री सीमाओं की निगरानी और सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रही है.

बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान

इस दौरे के एक महत्वपूर्ण पहलू में पूर्वी तट पर चल रही और आगामी बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं की समीक्षा भी शामिल रही. अधिकारियों ने रक्षा सचिव को विस्तार से बताया कि किस प्रकार ये परियोजनाएं नौसेना की रणनीतिक और संचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए तैयार की जा रही हैं.

इन परियोजनाओं में नए जेटी निर्माण, गोदी विस्तार, रडार और संचार प्रणालियों का उन्नयन, और लॉजिस्टिक समर्थन प्रणाली की मजबूती जैसे प्रमुख कार्य शामिल हैं. इससे पूर्वी समुद्री सीमा पर नौसेना की पहुंच, प्रतिक्रियाशीलता और स्थायित्व में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

स्थानीय कमान से परिचय और निरीक्षण

रक्षा सचिव ने विशाखापत्तनम नौसैनिक अड्डे के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया और वहां कार्यरत अधिकारियों व नौसैनिकों से बातचीत भी की. उन्होंने नौसेना के जवानों के प्रशिक्षण, तैनाती और मनोबल की सराहना की. सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना, विशेषकर पूर्वी कमान, राष्ट्र की समुद्री संप्रभुता की रक्षा के लिए सशक्त और सतर्क है. उन्होंने नौसैनिक परिसरों में सुविधाओं का जायजा लिया और यह सुनिश्चित करने की बात कही कि जवानों को उच्चतम स्तर की सुविधाएं, संसाधन और समर्थन उपलब्ध कराए जाएं.

रणनीतिक दृष्टिकोण से पूर्वी तट का महत्व

भारत का पूर्वी समुद्री क्षेत्र इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अत्यधिक रणनीतिक महत्व रखता है. पूर्वी नौसेना कमान इस क्षेत्र में भारत के हितों की सुरक्षा और समुद्री साझेदारियों को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रही है. रक्षा सचिव की यह यात्रा इस बात को दर्शाती है कि केंद्र सरकार समुद्री सुरक्षा को लेकर सजग है और हर स्तर पर तैयारियों को मजबूत करना चाहती है.

नौसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में प्रतिबद्धता

रक्षा सचिव ने यह भी दोहराया कि भारत सरकार नौसेना के आधुनिकीकरण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है. आने वाले वर्षों में न केवल तकनीकी उन्नयन होगा, बल्कि स्वदेशी निर्माण क्षमताओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम उठाया जा सके.

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18 May 2025, 07:58 PM IST

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