दिल्ली में सत्ता का गणित: क्या बागी प्रत्याशी बनाएंगे किंगमेकर की भूमिका ?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है.आप अपनी शासन व्यवस्था और कल्याणकारी योजनाओं के दम पर तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में है, जबकि भाजपा और कांग्रेस फिर से सत्ता में आने की कोशिश में हैं. वोटर किसको सत्ता का ताज देंगे यह तो आठ फरवरी को ही पता चलेगा.

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय राजधानी में कई नेताओं ने पार्टी बदली है.दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है.आप अपने शासन रिकॉर्ड और कल्याणकारी योजनाओं के दम पर लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की उम्मीद कर रही है, जबकि भाजपा और कांग्रेस फिर से सत्ता में आने की उम्मीद कर रही हैं. तीनों प्रमुख पार्टियां-आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस - इस चुनाव से पहले बगावत से जूझ रही हैं.
हालांकि, पार्टियों ने चुनाव में दलबदलुओं को भी मैदान में उतारने में देर नहीं लगाई.सभी की निगाहें दिल्ली में इन पार्टीबाजों के प्रदर्शन पर टिकी हैं, क्योंकि वे एक नए ढांचे में खुद को साबित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 2025 के दिल्ली चुनाव से पहले बीजेपी की बड़ी दावेदारी - AAP के कैलाश गहलोत और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली.बीजेपी ने गहलोत को बिजवासन सीट से मैदान में उतारा है, जबकि लवली गांधी नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
पूर्व कांग्रेसी नेताओं को टिकट
पार्टी ने मंगोलपुरी से राज कुमार चौहान, कस्तूरबा नगर से पूर्व विधायक नीरज बसोया और जंगपुरा से तरविंदर मारवाह सहित पूर्व कांग्रेस नेताओं को भी टिकट दिया. इस बीच, भाजपा के आधा दर्जन नेता आप में शामिल हो गए, जिसने उन्हें तुरंत विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से मैदान में उतार दिया.इन नेताओं ने 2020 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था. इनमें से एक हैं प्रवेश रतन, जिन्हें आप ने पूर्व मंत्री और भाजपा उम्मीदवार राज कुमार आनंद के खिलाफ पटेल नगर (एससी) सीट से मैदान में उतारा है. 2020 में भी वे प्रतिद्वंद्वी थे, लेकिन अलग-अलग पार्टियों से थे. आनंद AAP से और रतन BJP से.जीतेंद्र सिंह शंटी और सुरिंदर पाल बिट्टू AAP में शामिल हुए और उन्हें क्रमशः शाहदरा और तिमारपुर निर्वाचन क्षेत्रों से टिकट मिले.तीन अन्य भाजपा नेता - ब्रह्म सिंह तंवर, बीबी त्यागी और अनिल झा - AAP में शामिल हुए और उन्हें इन चुनावों में लड़ने के लिए टिकट दिया गया.
आने वाले नतीजों से ही पता चलेगा
जहां तक कांग्रेस का सवाल है, वह आप के निवर्तमान विधायकों धर्मपाल लाकड़ा (मुंडका) और अब्दुल रहमान (सीलमपुर) को अपने पाले में करने में सफल रही और पार्टी में शामिल होते ही उन्हें टिकट दे दिया.नए उम्मीदवारों के चुनाव जीतने की प्रबल संभावना है.राष्ट्रीय राजधानी में यह बात सच है या नहीं, यह तो 8 फरवरी को आने वाले नतीजों से ही पता चलेगा.