'दिल्ली चलो मार्च' से पहले हरियाणा- पंजाब की सीमाएं सील, 12 जिलों में धारा 144 लागू

Delhi Chalo March: हरियाणा में अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात की गई हैं. 152 से अधिक चौकियां स्थापित की गई हैं. टिकरी बॉर्डर पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी. लोगों को यात्रा से बचने की सलाह दी गई है.

Shabnaz Khanam
Shabnaz Khanam

हाइलाइट

  • हरियाणा में अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात
  • टिकरी बॉर्डर पर ड्रोन से की जाएगी निगरानी
  • 13 फरवरी को किसान निकालेंगे दिल्ली चलो मार्च

Delhi Chalo March: संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा 13 फरवरी को बुलाए गए दिल्ली चलो मार्च से पहले अंबाला, जींद और फतेहाबाद जिलों में पंजाब-हरियाणा सीमाओं को सील करने के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं. 12 जिलों में धारा 144 लगाने और सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का फैसला किया गया है.

11 फरवरी से ये होंगी पाबंदी

राज्य के गृह विभाग के अनुसार, 11 फरवरी को सुबह 6 बजे से 13 फरवरी की रात 12 बजे तक अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और पुलिस जिला डबवाली में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, बल्क एसएमएस और डोंगल सेवाएं निलंबित रहेंगी. पर्सनल एसएमएस, बैंकिंग एसएमएस, ब्रॉडबैंड और लीज लाइनें पहले की तरह काम करती रहेंगी. 

सुरक्षा के सख्त इंतजाम 

पुलिस ने राज्य में 152 से अधिक चौकियां स्थापित की हैं. टिकरी बॉर्डर पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है. पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू बॉर्डर, कैथल से लगती पंजाब की 12 सड़कें और कुरुक्षेत्र की तीन सीमाएं सील कर दी गई हैं और किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए सीमेंट ब्लॉक, बैरिकेड और कंटेनर रखे गए हैं. इन सीमाओं पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों का भी कड़ा पहरा है. केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां हरियाणा में भेजी हैं.

किसान क्यों कर रहे हैं मार्च

संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 200 से अधिक किसान यूनियनों के साथ ये मार्च निकालेंगे. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के संबंध में कानून बनाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 13 फरवरी को 'दिल्ली' में विरोध प्रदर्शन करेंगे. 

किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेते समय उनसे वादा किया था कि उन्हें एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाएगी. हालाँकि, अब सरकार कॉर्पोरेट दबाव के कारण ऐसा नहीं कर रही है. इसके अलावा नोएडा में प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग है कि बुनियादी ढांचे और अन्य परियोजनाओं के लिए स्थानीय विकास प्राधिकरणों के माध्यम से उनकी कृषि भूमि का अधिग्रहण करने के बदले में उन्हें बढ़ा हुआ मुआवजा और विकसित भूखंड दिए जाएं.

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11 February 2024, 06:34 AM IST

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