दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से बुरा हाल, कई जगहों पर AQI 400 के पार, अगले 6 दिन कैसा रहेगा मौसम?
दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. आनंद विहार में AQI 411 तक दर्ज हुआ. परिवहन उत्सर्जन, पराली जलाना और पटाखों ने हालात बिगाड़े. अगले छह दिन वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ बनी रह सकती है. क्लाउड सीडिंग और सावधानी जरूरी हैं.

नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर के लोग इन दिनों गंभीर स्वास्थ्य परेशानियों का सामना कर रहे हैं. आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत, लगातार खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं आम हो गई हैं. दिवाली के बाद से दिल्ली की हवा बेहद जहरीली हो गई है और वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है. शनिवार सुबह 6 बजे दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर स्तर पर था. सबसे अधिक प्रदूषण आनंद विहार में दर्ज किया गया.
किस जगह हवा की गुणवत्ता ज्यादा खराब?
सुबह 6 बजे आनंद विहार का AQI 411 तक पहुंच गया, जो बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है. इसके बाद बवाना में 318, चांदनी चौक में 309, अलीपुर में 291, बुराड़ी में 288 और अशोक विहार में 279 दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के 38 निगरानी केंद्रों में से 10 ने वायु गुणवत्ता को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा, 24 को ‘खराब’ और 3 केंद्रों ने ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया.
मौसम में कुछ राहत के संकेत
दिल्ली में गुरुवार रात न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो अक्टूबर महीने का पिछले दो वर्षों में सबसे कम तापमान था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 32.3 डिग्री सेल्सियस रहा. हालांकि वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार दिखा, लेकिन हालत अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में है.
AQI पूर्वानुमान
सीपीसीबी और ईडब्ल्यूएस (वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली) के पूर्वानुमानों के अनुसार, दिल्ली में अगले छह दिन तक वायु गुणवत्ता ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ के बीच बनी रहने की संभावना है. पड़ोसी शहरों जैसे गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में AQI लगभग 200 के आसपास रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है.
वायु गुणवत्ता के मानक इस प्रकार हैं: 0-50 ‘अच्छा’, 51-100 ‘संतोषजनक’, 101-200 ‘मध्यम’, 201-300 ‘खराब’, 301-400 ‘बेहद खराब’, और 401-500 ‘गंभीर’.
प्रदूषण के मुख्य कारण
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को परिवहन उत्सर्जन का योगदान 17.8 प्रतिशत रहा. इसके अलावा, उपग्रह डेटा से पता चला कि गुरुवार को पंजाब में पराली जलाने की 28 और उत्तर प्रदेश में 13 घटनाएं हुईं. प्रदूषण बढ़ने का एक और कारण दिवाली के दौरान जले पटाखे और औद्योगिक उत्सर्जन भी हैं.
राहत के प्रयास
दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए ‘क्लाउड सीडिंग’ यानी कृत्रिम वर्षा की तैयारी कर रही है. इसका उद्देश्य हवा में मौजूद धूल और प्रदूषक कणों को कम करना है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि जनता को मास्क पहनने, घरों में हवा साफ रखने और प्रदूषण से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है.
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण गंभीर रूप ले चुका है, और आने वाले कुछ दिनों तक लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है.


