score Card

छठ पूजा पर भी दिल्ली में गिरा हवा का स्तर, इन जगहों पर रहा सबसे ज्यादा AQI

छठ पूजा के दौरान दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद प्रदूषित रही, दिल्ली का औसत AQI 315 दर्ज हुआ. दिवाली के बाद प्रदूषण स्तर तीन गुना बढ़कर पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ गया. अब AI और सेंसर से निगरानी की तैयारी है. प्रदूषण से बीमार लोगों और बच्चों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

छठ पूजा के पावन अवसर पर जहां लोग स्वच्छ आसमान और निर्मल वातावरण में सूर्य को अर्घ्य देने की उम्मीद कर रहे थे, वहीं दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर जहरीली साबित हो रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, रविवार को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 315 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे पड़ोसी शहरों में भी हालात लगभग समान हैं.

किन शहरों में कितना AQI?

नोएडा का AQI 331, गाजियाबाद में 326, और दिल्ली के कई क्षेत्रों जैसे अलीपुर (328), शादीपुर (320), पंजाबी बाग (327) तथा आर.के. पुरम (316) में हवा की गुणवत्ता बेहद चिंताजनक रही. सीरी फोर्ट (314) और ITO (304) में भी सांस लेना मुश्किल बना हुआ है. गुरुग्राम में AQI 244 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में तो है, लेकिन स्थिति को राहतपूर्ण नहीं कहा जा सकता.

पांच साल का रिकॉर्ड टूटा

CPCB की रिपोर्ट के मुताबिक, दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर तीन गुना तक बढ़ गया. दिवाली से पहले हवा में PM 2.5 कणों का औसत स्तर 156.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो त्योहार के बाद बढ़कर 488 माइक्रोग्राम तक पहुंच गया. यह स्तर पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक दर्ज किया गया है.

विशेषज्ञों के अनुसार, इस खतरनाक वृद्धि के पीछे पटाखों का धुआं, पराली जलाने की घटनाएं, और मौसम की स्थिरता मुख्य कारण हैं. दिवाली की रात और अगले दिन सुबह हवा में जहरीले धुएं की घनी परत छाई रही, जिसके कारण वायु शुद्धिकरण की प्राकृतिक प्रक्रिया बाधित हो गई.

AI और हाई-टेक सेंसर से होगी निगरानी

लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए अब दिल्ली-एनसीआर में तकनीकी उपाय अपनाए जा रहे हैं. एक नई योजना के तहत पूरे क्षेत्र में स्मार्ट एयर क्वालिटी सेंसर लगाए जाएंगे, जिनकी निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित प्रणाली करेगी.

दिल्ली में करीब 250 से अधिक सेंसर लगाए जाएंगे, जो रीयल टाइम डेटा साझा करेंगे और यह जानकारी देंगे कि कब और कहाँ प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो सकता है. यह उन्नत प्रणाली IIT कानपुर के AI सेंटर द्वारा विकसित की जा रही है और इसके मार्च 2026 तक लागू होने की उम्मीद है. यह तकनीक न केवल प्रदूषण की भविष्यवाणी करेगी, बल्कि प्रशासन को त्वरित कार्रवाई में भी मदद करेगी.

स्वास्थ्य पर बढ़ता खतरा 

दिल्ली के हरित क्षेत्रों जैसे लोधी रोड (AQI 258) और मंदिर मार्ग (290) में भी अब हवा ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की जा रही है. ऐसी स्थिति में अस्थमा, एलर्जी या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए हालात गंभीर हो गए हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सुबह और शाम खुले में टहलने से बचने की सलाह दी है. साथ ही बच्चों और बुजुर्गों को घर के भीतर रहने की अपील की गई है. कई स्कूलों में प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

calender
27 October 2025, 07:40 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag