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कितना खतरनाक आ सकता है दिल्ली में भूकंप, मचा सकती है तबाही, जोन से समझिए

दिल्ली में हाल के दिनों में भूकंप के झटकों ने दहशत फैला दी है, और यह सवाल अब हर किसी के मन में उठ रहा है कि क्या दिल्ली में कभी बड़ा भूकंप आ सकता है? भूकंप के खतरे से दिल्ली और आसपास के क्षेत्र पहले से ही जूझ रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली किस भूकंपीय जोन में आता है और यहां किस तरह के भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं?

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

आज सुबह दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में डर और घबराहट का माहौल बन गया. दिल्ली में 4.0 तीव्रता के भूकंप के झटके ने पूरी राजधानी को हिलाकर रख दिया. भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था, और यह सुबह करीब 5:36 बजे आया. हालांकि अब तक किसी प्रकार के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन भूकंप के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकल आए थे.

दिल्ली का भूकंपीय क्षेत्र और खतरा

दिल्ली एक ऐसे भूकंपीय जोन में स्थित है, जहां पर भूकंप की तीव्रता अपेक्षाकृत अधिक हो सकती है. दिल्ली एनसीआर में महसूस किए गए 4.0 तीव्रता के झटके, इस क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को दर्शाते हैं. चलिए, जानते हैं कि भारत के भूकंपीय क्षेत्रों का बंटवारा कैसे किया गया है और दिल्ली किस खतरनाक जोन में आती है.

भारत में भूकंप के खतरे वाले जोन

भारत को भूकंप की तीव्रता और आवृत्ति के आधार पर चार भूकंपीय जोन में बांटा गया है. इन जोनों के आधार पर यह समझने में मदद मिलती है कि कहां भूकंप आने का खतरा ज्यादा और कहां कम है.

जोन II (कम खतरे वाला क्षेत्र)

जोन II भूकंप के कम खतरे वाले क्षेत्रों में आता है. यहां पर भूकंप की तीव्रता 4.9 तक हो सकती है. इस जोन में स्थित प्रमुख शहरों में प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बैंगलोर (कर्नाटका), भोपाल (मध्य प्रदेश) और हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) शामिल हैं.

जोन III (मध्यम खतरे वाला क्षेत्र)

जोन III मध्यम भूकंपीय खतरे वाले क्षेत्रों में आता है, जहां 5 से 6 तीव्रता तक के भूकंप महसूस किए जा सकते हैं. इसमें प्रमुख शहर बरेली, लखनऊ, वाराणसी (उत्तर प्रदेश), कोलकाता (पश्चिम बंगाल) और वडोदरा (गुजरात) शामिल हैं.

जोन IV (ज्यादा खतरे वाला क्षेत्र)

जोन IV वह क्षेत्र है जहां भूकंप का खतरा ज्यादा होता है, और यहां 6 से 6.9 तीव्रता तक के भूकंप हो सकते हैं. दिल्ली इस जोन में आता है, जो इसे और भी संवेदनशील बनाता है. इसके अलावा, नैनीताल, रुड़की (उत्तराखंड), पटना (बिहार) और गंगटोक (सिक्किम) भी इस जोन में शामिल हैं.

जोन V (सबसे खतरनाक क्षेत्र)

जोन V भारत का सबसे खतरनाक भूकंपीय क्षेत्र है, जहां 7 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप हो सकते हैं. इस जोन में उत्तर-पूर्वी राज्य जैसे असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और कच्छ (गुजरात) शामिल हैं. इस क्षेत्र में 26 जनवरी 2001 को आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी.

दिल्ली में भूकंप की संभावना

दिल्ली, जो जोन IV में आता है, में कभी भी भूकंप के आने की संभावना बनी रहती है. खासकर जब दिल्ली फॉल्ट IV जैसी संवेदनशील जगहों पर भूकंपीय गतिविधियां होती हैं, तो यहां के लोग तेज भूकंप के झटके महसूस कर सकते हैं. यह दिल्ली के लिए एक बड़ा खतरा है, और इससे निपटने के लिए प्रभावी तैयारी और जागरूकता जरूरी है.

भूकंप आए तो क्या करना चाहिए 

घर से बाहर न निकलें, लेकिन अगर निकलना जरूरी हो तो सुरक्षित रास्ते का चयन करें.

गंभीर रूप से हिलने लगे तो सिर पर कोई मजबूत वस्तु रखकर नीचे झुकें.

भूकंप के बाद भी स्थिति पर नजर रखें, क्योंकि अक्सर झटके कुछ समय बाद दोबारा आते हैं.

भारत के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप के खतरे को लेकर जागरूकता जरूरी है, खासकर उन क्षेत्रों में जो भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील हैं.

दिल्ली में भूकंप के जोखिम के चलते लोगों को इसके प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है.

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17 February 2025, 09:03 AM IST

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