मेरी मां का मंगलसूत्र इस देश पर कुर्बान... क्या सच में इंदिरा गंधी ने दान दे दिया था सोना, प्रियंका ने किया जिक्र

देश में चुनावी बयार चल रही हैं इस बीच नेताओं के कई तरह के बोल भी सुनने को मिल रहे है. कई एक दूसरे पर तंज भी कसते हुए दिखाई दे जाते है. इसी बीच एक बार फिर से प्रियंका गांधी ने मोदी जी के बयानों पर पलटवार किया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बताया है कि 'मेरी मां का मंगलसूत्र इस देश पर कुर्बान हुआ है.

Dimple Kumari
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देश में चुनावी बयार चल रही हैं इस बीच नेताओं के कई तरह के बोल भी सुनने को मिल रहे है. कई एक दूसरे पर तंज भी कसते हुए दिखाई दे जाते है. इसी बीच एक बार फिर से प्रियंका गांधी ने मोदी जी के बयानों पर पलटवार किया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बताया है कि 'मेरी मां का मंगलसूत्र इस देश पर कुर्बान हुआ है. दादी इंदिरा गांधी ने जंग में अपना सोना देश को दिया था. पीएम मोदी कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी आपका मंगलसूत्र और सोना छीन लेगी. देश में 55 साल तक कांग्रेस की सरकार रही है. किसी ने आपसे आपका सोना और मंगलसूत्र छीना?'

पीएम मोदी ने राजस्थान के  बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली के संबोधन में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस महिलाओं के गहने और मंगलसूत्र लेकर पैसे ऐसे लोगों में बांट देगी, जिनके अधिक बच्चे हैं. इस बयान पर जवाब देते हुए  प्रियंका गांधी ने ये बात कही. तो आइए आपको बताते है क्या सच में इंदिरा गांधी ने अपना सोना देश के लिए दे दिया था.

चीन के हमले ने बदल दिए के हालात 

यह तब की बात है जब साल 1962 में चीन-भारत के बीच युद्ध हुआ था. इस दौरान चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अचानक हमला बोल दिया था. इस हमले के लिए भारतीय सेना तैयार नहीं थी. उस समय जवाहर लाल नेहरू प्रधान मंत्री थे. चीन के भारत पर ये हमला बहुत बड़ा धोखा माना जा रहा थै. क्योंकि उससे कुछ समय पहले ही देश आजाद हुआ था. इसके बाद तुरंत चीन का ये हमला देश को हिला कर रख दिया था. इस लड़ाई ने देश के हालात को बदल कर रख दिया था. दरअसल सेना के सामने लडाई के लिए हथियार तक नहीं थे. आधे-अधूरे हथियारों और दूसरे साज-ओ-सामान के साथ सैनिक शहीद हो रहे थे. 

इंदिरा गांधी ने दान कर दिए जेवर

जानकारों की मानें तो युद्ध ऐसा था मानों खत्म ही नहीं होगा. वहीं इस लड़ाई में देश के युवा से लेकर महिलाओं ने अपना पूरा योगदान दिया. आर्मी रिक्रूटमेंट सेंटरों पर सेना में जाने के लिए वॉलिंटियर्स की लाइन लग गई थी. महिलाओं ने भी घरों से निकल कर राइफल चलाने का अभ्यास करना शुरू कर दिया. इस बीच इंदिरा गांधी सामने आईं. दो नवंबर 1962 को वो अपने सभी जेवर सेना को दान देने के लिए सैन्य सेंटर पर पहुंच गईं. और नेशनल डिफेंस फंड में सब दान में दे दिया. उनके जेवरों का कुल वजन 336 ग्राम था. इसके बाद देश में इसकी मुहिम शुरू हुई. महिलाएं निकली और उनसे जो कुछ भी बन पड़ा उन्होंने उसे दान में दे दिया. यहां तक महिलाएं अपना मंगलसूत्र तक सेना की दान पेटी में डालने लगी थी. वहीं, फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी अपनी सेना के लिए आगे आ गए और दान दिया. 

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24 April 2024, 04:30 PM IST

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