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बिहार चुनाव प्रचार में एआई का दुरुपयोग न करें, चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को दी चेतावनी

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों से पहले AI-जनित और डिजिटल हेरफेर सामग्री के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. सामग्री पर स्पष्ट लेबलिंग, रिकॉर्ड रखना और गैरकानूनी सामग्री हटाना अनिवार्य होगा. इसका उद्देश्य मतदाताओं को भ्रमित होने से रोकना, चुनावी निष्पक्षता बनाए रखना और सभी दलों को समान अवसर सुनिश्चित करना है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः राजनीतिक प्रचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और सिंथेटिक सामग्री के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों में दिशानिर्देश जारी किए हैं. आयोग ने चेतावनी दी है कि अत्यधिक AI सामग्री, जिसमें नेताओं को चुनावी संदेश देते दिखाया जाता है. AI मतदाताओं को भ्रमित कर सकती है. यह चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है.

चुनाव आयोग ने क्या कहा? 

चुनाव आयोग ने कहा कि डिजिटल या हेरफेर की गई मीडिया भ्रामक रूप से वास्तविक लग सकती है. यह मतदाताओं को गुमराह कर सकती है और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विश्वास को कमजोर कर सकती है. आयोग ने चेतावनी दी कि अनजाने में ऐसी सामग्री राजनीतिक हितधारकों को गलत निष्कर्ष पर ला सकती है, जिससे चुनावी निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है.

पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर

चुनाव आयोग ने चुनावी शुचिता बनाए रखने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही का महत्व रेखांकित किया. सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और अभियान प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव प्रचार में उपयोग होने वाली कोई भी AI-जनित या डिजिटल रूप से परिवर्तित सामग्री स्पष्ट रूप से लेबल की जाए. लेबल में AI-Generated, Digital Enhanced या Synthetic Content जैसे शब्द होने चाहिए.

लेबलिंग और मेटाडेटा आवश्यकताएं

एडवाइजरी में कहा गया है कि लेबल को दृश्य सामग्री के कम से कम 10% हिस्से पर दिखाना जरूरी है. ऑडियो सामग्री में यह अवधि के पहले 10% समय के दौरान दिखाई दे. वीडियो में लेबल स्क्रीन के ऊपरी हिस्से में होना चाहिए. साथ ही, प्रत्येक सामग्री के मेटाडेटा या कैप्शन में निर्माता का नाम भी शामिल होना चाहिए.

रिकॉर्ड और सत्यापन

राजनीतिक दलों को AI द्वारा बनाई गई सभी प्रचार सामग्री का आंतरिक रिकॉर्ड रखना होगा, जिसमें निर्माता की जानकारी और समय-संकेत (timestamp) शामिल हों. चुनाव आयोग द्वारा मांगे जाने पर इस सामग्री का सत्यापन किया जा सके.

गैरकानूनी सामग्री पर रोक

एडवाइजरी में कहा गया है कि बिना अनुमति किसी भी गैरकानूनी AI सामग्री को प्रकाशित या फॉरवर्ड करना प्रतिबंधित है, खासकर यदि वह किसी व्यक्ति की पहचान या आवाज़ का अनुकरण करती हो और मतदाताओं को गुमराह कर सकती हो. ऐसी सामग्री को तीन घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य है.

पूर्व दिशा-निर्देशों का पालन

यह नवीनतम परामर्श चुनाव आयोग द्वारा 2024 और इस साल जनवरी में जारी किए गए दिशानिर्देशों का अनुसरण करता है. आयोग ने यह कदम अनुच्छेद 324 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का उपयोग करते हुए उठाया है.

कब होंगे बिहार विधानसभा चुनाव?

बिहार विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को निर्धारित है. आयोग का यह नया निर्देश चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस एडवाइजरी का उद्देश्य मतदाताओं को भ्रमित करने वाले AI और डिजिटल हेरफेर से चुनाव को सुरक्षित करना और सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर देना है.

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25 October 2025, 09:35 AM IST

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